मोंथा चक्रवात का असर, किसानों की उम्मीदों पर पानी
पूर्वी चंपारण, 31 अक्टूबर (हि.स.)। मोंथा चक्रवात के असर से बिहार के कई जिलों में लगातार हो रही बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। खेतों में पककर तैयार धान की फसलें कटाई के बाद सूखने के लिए रखी थीं, लेकिन असमय बारिश ने सबकुछ बिगाड़ दिया।
खेतों में भीगी फसलें सड़ने लगीं
कई किसानों ने बताया कि बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया है, जिससे धान की बालियां गलने लगी हैं। बंजरिया प्रखंड के किसान रामविनय सिंह, अभिलाष कुमार, रविन्द्र सिंह और शेख रहीम ने कहा कि पहले हुई बारिश से आधी फसल खराब हुई थी, अब बची हुई फसल भी नष्ट हो गई।
गन्ना और रबी फसलों पर भी असर
मोतिहारी सदर प्रखंड के किसानों का कहना है कि गन्ने की फसल पर भी बारिश का असर दिख रहा है। खेतों में पानी भरने से गन्ना झुकने लगा है और सड़न की आशंका बढ़ गई है। इससे शुगर रिकवरी और मिठास दोनों पर असर पड़ेगा। साथ ही तिलहन, दलहन और गेहूं जैसी रबी फसलों की बुआई भी प्रभावित हो गई है।
मुआवजे की मांग
किसानों ने जिला प्रशासन से फसल क्षति का तत्काल सर्वे कराकर उचित मुआवजा देने की मांग की है। उनका कहना है कि इस बेमौसम बारिश ने सालभर की मेहनत पर पानी फेर दिया है। अगर सरकार ने समय पर सहायता नहीं दी, तो अगली फसल बोना भी मुश्किल हो जाएगा।


 
                                    