मप्र हाईकोर्ट ने वाट्सएप नोटिस पर सुनवाई रोक लगाई
जबलपुर, 11 अक्टूबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने दिनेश कुमार दुबे द्वारा सागर जिले में संपत्ति विवाद के मामले में एडीशनल कमिश्नर द्वारा विरोधी पक्ष को वाट्सएप पर भेजे नोटिस पर सुनवाई पर रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने प्रारंभिक सुनवाई के बाद यह अंतरिम आदेश पारित किया।
याचिका में क्या कहा गया
दिनेश कुमार दुबे की याचिका में आरोप लगाया गया कि कुछ विरोधी पक्षकार, जो उत्तर प्रदेश निवासी हैं, उन्हें केवल वाट्सएप मैसेज भेजकर सुनवाई के लिए नोटिस दिया जा रहा है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता डीके त्रिपाठी ने कोर्ट को बताया कि केवल मैसेज भेजे जाने से नोटिस तामील नहीं माना जा सकता, क्योंकि यह स्पष्ट नहीं है कि संबंधित पक्षकार ने मैसेज देखा या नहीं।
हाईकोर्ट का आदेश
हाईकोर्ट ने याचिका पर विचार करते हुए कहा कि सिर्फ डिजिटल मैसेज पर निर्भर होकर सुनवाई करना अनुचित है। कोर्ट ने अपील की सुनवाई रोकते हुए संबंधित पक्षकारों को संपूर्ण नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
कानूनी महत्व
इस आदेश से यह स्पष्ट होता है कि न्यायालय केवल वाट्सएप या डिजिटल माध्यम से भेजे नोटिस को कानूनी रूप से मान्य नहीं मानता। इसके तहत न्यायिक प्रक्रिया में पारंपरिक नोटिस जारी करने की महत्ता बनी रहेगी।
निष्कर्ष
सागर जिले के इस संपत्ति विवाद मामले में हाईकोर्ट के निर्देश से यह स्पष्ट हो गया कि न्यायिक प्रक्रियाओं में डिजिटल माध्यम के उपयोग पर सावधानी बरती जाएगी, ताकि पक्षकारों के कानूनी अधिकारों का संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके।