मुरैना, 30 सितंबर। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में मंगलवार को तेज बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी। वर्षा का सिलसिला खरीफ फसल के नुकसान के बाद अब रबी फसल पर भी असर डाल सकता है। लगभग डेढ़ घंटे तक लगातार हुई बारिश ने शहर और गांव दोनों को जलमग्न कर दिया।
जिले में इस वर्ष औसत वर्षा से 370 मिमी अधिक बारिश हो चुकी है। इसके कारण किसानों को सरसों की बोबनी में प्रति बीघा लगभग 5 हजार रुपये का संभावित नुकसान होने की आशंका है। कुछ किसानों ने देरी से बोबनी कर लाभ उठाने की योजना बनाई है, लेकिन मौसम विभाग ने 9 अक्टूबर तक हल्की वर्षा की संभावना जताई है।
बारिश के दौरान शहर और गांव के खेत जलमग्न हो गए। खरीफ फसल में लगभग 80 प्रतिशत बाजरा और अन्य फसलें पानी के कारण प्रभावित हो चुकी हैं। इसके बावजूद किसान वर्षा के बाद खेतों की जुताई और रबी फसल की तैयारी में जुटे हैं।
आंचलिक कृषि अनुसंधान केन्द्र के मौसम विशेषज्ञ डा. हरविंदर सिंह ने बताया कि सरसों की बोबनी 15 अक्टूबर तक की जा सकती है। उन्होंने किसानों से धैर्य रखने और मौसम की अनुकूलता के अनुसार बोबनी करने की सलाह दी। इस वर्षा का सकारात्मक प्रभाव भूजल स्तर पर देखा जा रहा है, लेकिन खरीफ और रबी फसल पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
किसानों को सुझाव दिया गया है कि वे मौसम विभाग की भविष्यवाणियों को ध्यान में रखते हुए ही खेतों में काम करें, ताकि आर्थिक नुकसान से बचा जा सके।