🐅 जयपुर का वन्यजीव पर्यटन केंद्र बन रहा नाहरगढ़
राजधानी जयपुर स्थित नाहरगढ़ जैविक उद्यान तेजी से राजस्थान के प्रमुख वन्यजीव पर्यटन स्थलों में शामिल होता जा रहा है। यहां संचालित टाइगर और लायन सफारी देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए सबसे बड़ा आकर्षण बन चुकी हैं।
प्राकृतिक हरियाली के बीच खुले परिवेश में बाघ और शेरों को देखने का अनुभव पर्यटकों को रोमांच और प्रकृति से जुड़ाव का अद्भुत अहसास कराता है।
📊 2025 में रिकॉर्ड पर्यटक और राजस्व
सहायक वन संरक्षक देवेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि
जनवरी 2025 से 31 दिसंबर 2025 तक —
- कुल 3,73,869 पर्यटकों ने नाहरगढ़ जैविक उद्यान व सफारी का भ्रमण किया
- विभाग को ₹2.36 करोड़ से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ
पर्यटकों का विवरण —
| श्रेणी | पर्यटक |
|---|---|
| नाहरगढ़ जैविक उद्यान | 3,39,433 |
| लायन सफारी | 18,831 |
| टाइगर सफारी | 15,605 |
यह आंकड़े उद्यान की बढ़ती लोकप्रियता और पर्यटन क्षमता को दर्शाते हैं।
🌿 पर्यटन के साथ पर्यावरण जागरूकता
नाहरगढ़ जैविक उद्यान केवल मनोरंजन का स्थान नहीं, बल्कि
- वन्यजीव संरक्षण,
- जैव विविधता, और
- पर्यावरण जागरूकता
का भी मजबूत माध्यम बन चुका है।
परिवारों, बच्चों और विदेशी सैलानियों के लिए यह स्थल प्रकृति के करीब से अनुभव लेने का श्रेष्ठ अवसर प्रदान करता है।
👮 सुरक्षा और सुविधाओं पर विशेष ध्यान
उप वन संरक्षक विजयपाल सिंह के निर्देशन में उद्यान की व्यवस्थाओं को लगातार बेहतर बनाया जा रहा है।
सहायक वन संरक्षक देवेन्द्र सिंह राठौड़ और रेंज अधिकारी शुभम शर्मा द्वारा नियमित मॉनिटरिंग की जाती है।
टूरिज्म मैनेजमेंट टीम सफारी संचालन, टिकटिंग, भीड़ नियंत्रण, वाहन व्यवस्था और स्वच्छता पर विशेष ध्यान दे रही है ताकि पर्यटकों को सुरक्षित और सुगम अनुभव मिल सके।



