नमामि गंगे कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित
चंपावत, 27 नवंबर (हि.स.)। जिले में गुरुवार को नमामि गंगे कार्य की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। जिलाधिकारी मनीष कुमार ने बैठक की अध्यक्षता की और गंगा संरक्षण को सामूहिक जिम्मेदारी बताया। उन्होंने कहा कि नदी का पुनर्जीवन तभी संभव है जब प्रशासन, विभाग और नागरिक मिलकर काम करें।
स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन पर सख्त निर्देश
डीएम ने स्पष्ट कहा कि नमामि गंगे कार्य में किसी भी प्रकार की ढिलाई स्वीकार नहीं होगी। उन्होंने नगर निकायों को ठोस कचरे और प्लास्टिक के वैज्ञानिक निस्तारण के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा।
इसके साथ ही नदी तटों पर अवैध गतिविधियों पर तुरंत रोक लगाने के निर्देश भी दिए गए।
पुराने कचरे के निस्तारण पर जोर
जिलाधिकारी ने पुराने कचरे के सुरक्षित निस्तारण की प्रगति पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने संबंधित विभागों को तेजी से प्रसंस्करण कार्य पूरा करने और वैज्ञानिक तकनीक अपनाने को कहा।
उन्होंने कहा कि नमामि गंगे कार्य तभी प्रभावी होगा जब हर स्तर पर कार्रवाई समय पर हो।
कूड़ा संग्रहण और जल उपचार संयंत्र की जांच
डीएम ने नगर पालिका और नगर पंचायत के अधिकारियों को कूड़ा संग्रहण वाहनों का नियमित संचालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने अपशिष्ट जल उपचार संयंत्रों की नियमित संयुक्त जांच भी अनिवार्य की। यह कदम नमामि गंगे कार्य की गुणवत्ता को मजबूत करेगा।
जन जागरूकता गतिविधियों पर जोर
जिलाधिकारी ने कहा कि गंगा संरक्षण केवल सरकारी प्रयासों से संभव नहीं है।
इसके लिए जनता की सक्रिय भागीदारी जरूरी है। इसलिए जन-जागरूकता कार्यक्रमों को और बढ़ाने के निर्देश दिए गए।




