नारनौल, 4 दिसंबर। हरियाणा के नारनौल जिले में ग्राम पंचायत मेघोत बिंजा के सरपंच मनोज कुमार को उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने गुरुवार को निलंबित कर दिया। सरपंच पर लगाए गए गंभीर आरोपों की पुष्टि होने के बाद यह कार्रवाई हरियाणा पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा 51 के तहत की गई है।
बीडीपीओ की रिपोर्ट में कई गंभीर आरोप
खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी, नांगल चौधरी द्वारा 27 अगस्त 2025 को भेजी गई रिपोर्ट में सरपंच मनोज कुमार पर कई प्रशासनिक अनियमितताओं के आरोप लगाए गए थे।
रिपोर्ट के अनुसार—
- सरपंच ने ग्राम पंचायत की अनुमति के बिना अवैध कब्जेदार के पक्ष में सिविल कोर्ट में बयान दिया।
- शामलात भूमि मामलों में अपनी जिम्मेदारी के विपरीत बयान देकर पंचायत के हितों को नुकसान पहुंचाया।
- एजेंडा की प्रतियां खंड कार्यालय को उपलब्ध न करवाकर गंभीर लापरवाही की।
- बिना पैमाइश रिपोर्ट के कब्जाधारियों को नोटिस जारी किए।
- अवैध कब्जों पर लंबे समय तक कोई नियमानुसार कार्रवाई नहीं की।
कारण बताओ नोटिस और व्यक्तिगत सुनवाई भी असंतोषजनक
इन आरोपों के आधार पर दो सितंबर 2025 को सरपंच को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
पांच सितंबर को दिए गए उनके जवाब को प्रशासन ने असंतोषजनक पाया।
सरपंच को 27 अगस्त और 30 सितंबर को व्यक्तिगत सुनवाई का अवसर भी दिया गया, लेकिन वे कोई ठोस दस्तावेज या प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर सके।
उपायुक्त ने जारी किया निलंबन आदेश
प्रशासन ने माना कि आरोप गंभीर हैं और सरपंच का पद पर बने रहना जनहित में उचित नहीं है।
उपायुक्त ने मनोज कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए निर्देश दिया कि—
- पंचायत की सभी चल-अचल संपत्ति का चार्ज बहुमत वाले पंच को सौंपें।
- मामले की नियमित जांच के लिए अतिरिक्त उपायुक्त नारनौल को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।
निलंबन आदेश तुरंत लागू कर दिए गए हैं।




