महाराष्ट्र की राजनीति में चचा-भतीजे की जंग थमती दिखाई नहीं दे रही है। कहीं ये जंग प्रत्यक्ष हो रही है, तो कहीं परोक्ष। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) ने गुरुवार को बारामती विधानसभा क्षेत्र से युगेंद्र पवार की उम्मीदवारी घोषित कर दी। बता दें युगेंद्र पवार उपमुख्यमंत्री अजित पवार के सगे भतीजे हैं।
बारामती में चाचा vs भतीजा
युगेंद्र की उम्मीदवारी ने एक बार फिर बारामती में चाचा-भतीजे के बीच राजनीतिक टकराव का रास्ता खोल दिया है। अभी चार महीने पहले ही बारामती संसदीय क्षेत्र में भी पवार परिवार में ऐसा ही एक राजनीतिक टकराव देखने को मिला था, जब अजित पवार ने अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को तीन बार की सांसद और अपनी चचेरी बहन एवं शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले के विरुद्ध उम्मीदवार बना दिया था।
सुप्रिया सुले से हार गई थीं सुनेत्रा पवार
उस चुनाव में सुनेत्रा पवार बड़े वोटों के अंतर से हार गईं और अजित पवार को मुंह की खानी पड़ी थी। सुप्रिया के चुनाव में अजित पवार के सगे भाई श्रीनिवास पवार के पूरे परिवार ने अजित का साथ छोड़ चचेरी बहन सुप्रिया का साथ दिया था। उस चुनाव में श्रीनिवास के पुत्र युगेंद्र पवार ने अपनी बुआ सुप्रिया के लिए काफी मेहनत की थी। तभी तय हो गया था कि भविष्य में युगेंद्र को इस मेहनत का फल अवश्य मिलेगा।
भतीजे की बगावत भूले नहीं शरद पवार
अब विधानसभा चुनाव में शरद पवार ने अजीत पवार के विरुद्ध युगेंद्र पवार को उतारकर अजित पवार की खुद से बगावत का बदला चुका दिया है। तब अजित ने अपने सगे चाचा शरद पवार से बगावत की थी, अब युगेंद्र पवार अपने सगे चाचा अजित पवार से बगावत करके उन्हीं के विरुद्ध चुनाव लड़ते दिखाई देंगे।
क्या करेंगे अजित पवार?
युगेंद्र की उम्मीदवारी से अजित पवार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। अजित पवार बारामती से सात बार विधानसभा चुनाव जीते हैं, लेकिन अब आठवीं बार उनके लिए रास्ता कठिन है, क्योंकि युगेंद्र पवार के लिए अब मोर्चा संभालेंगी वहां से चौथी बार की सांसद सुप्रिया सुले और रणनीति बनाएंगे महाराष्ट्र की राजनीति के सबसे अनुभवी नेता शरद पवार। यही नहीं, इस बार भी लगभग पूरा पवार परिवार अजित पवार के विरुद्ध खड़ा दिखाई देगा।