मध्य प्रदेश को इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के केंद्र में लाने की कोशिशें तेज़ हो गई हैं।
भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र में मंगलवार, 6 अगस्त को “पावरिंग प्रोग्रेस: डेवेलपिंग द ईवी मैन्युफैक्चरिंग ईकोसिस्टम इन मध्य प्रदेश” विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला में देश की अग्रणी ऑटोमोबाइल कंपनियों, नीति विशेषज्ञों और तकनीकी संस्थानों ने भाग लिया।
इस कार्यशाला का उद्देश्य था – मध्य प्रदेश ईवी निर्माण कार्यशाला के माध्यम से राज्य को इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण का हब बनाना। इसमें टाटा मोटर्स, वोल्वो-आइशर, रिलायंस, आईआईटी बॉम्बे, अशोक लेलैंड जैसे प्रतिष्ठित समूहों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
कार्यशाला में तीन प्रमुख तकनीकी सत्र हुए, जिनमें बैटरी निर्माण, उत्पादन क्षमता, लॉजिस्टिक्स, स्टार्टअप सहयोग और स्किलिंग जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। साथ ही यह भी बताया गया कि कैसे राज्य की ईवी नीति और केंद्र सरकार की योजनाएं इस क्षेत्र को मजबूती प्रदान कर सकती हैं।
मध्य प्रदेश ईवी निर्माण कार्यशाला में यह भी चर्चा हुई कि कैसे एमएसएमई और क्षेत्रीय स्टार्टअप्स इस बदलाव में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
यह कार्यशाला न केवल नीति और उद्योग के बीच संवाद का माध्यम बनी, बल्कि यह भी स्पष्ट किया कि मध्य प्रदेश ईवी निर्माण कार्यशाला राज्य को राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मानचित्र पर प्रमुख स्थान दिलाने में सक्षम है।