श्रीनगर, 12 अप्रैल (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विपक्ष के नेता और वरिष्ठ भाजपा नेता सुनील शर्मा ने शनिवार को सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) पर तीखा हमला करते हुए उस पर हाल ही में संपन्न बजट सत्र के अंतिम तीन दिनों के दौरान सदन की कार्यवाही को बाधित करने का आरोप लगाया।
शर्मा ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि बजट सत्र के पिछले तीन दिनों से एनसी ने विधानसभा को काम नहीं करने दिया। हम लोगों से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दे उठाना चाहते थे लेकिन वे अराजकता फैला रहे थे और हमें बोलने नहीं दे रहे थे।
शर्मा ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के समग्र विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है। उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा प्रायोजित सभी योजनाएं बिना किसी बाधा के चलती रहेंगी। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि समाज के हर वर्ग को इन योजनाओं का लाभ मिले।
केंद्र शासित प्रदेश में शांति और सुरक्षा पर भाजपा के रुख को दोहराते हुए शर्मा ने कहा कि हम पत्थरबाजी, बंद या हिंसा की वापसी नहीं होने देंगे। स्थिति में काफी सुधार हुआ है। स्कूल खुले हैं, कोई हड़ताल नहीं है और श्रीनगर के डाउनटाउन में सामान्य स्थिति लौट आई है जो कभी पिछली सरकारों के तहत बंद रहती थी। शर्मा ने एनसी नेतृत्व पर सीधा निशाना साधते हुए दावा किया कि वह अक्सर कहते हैं कि 10,000 कार्यकर्ता मारे गए लेकिन ये हत्याएं फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला के शासन के दौरान हुई थीं। जब से कानून और व्यवस्था अमित शाह के नेतृत्व वाले केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आई है तब से एक भी एनसी कार्यकर्ता को नुकसान नहीं पहुँचा है।
उन्होंने कहा कि एनसी कार्यकर्ताओं की हत्याओं की जाँच होनी चाहिए। शर्मा ने कहा कि एनसी को या तो यह स्वीकार करना चाहिए कि वह अपने कार्यकर्ताओं के जीवन की रक्षा करने में विफल रहे या फिर वह साजिशकर्ताओं के साथ मिले हुए हैं। शर्मा ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने निर्दाेष लोगों की जान बचाने के लिए पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) लागू करने के बजाय, बदमाशों को खुलेआम घूमने दिया जिसके परिणामस्वरूप नागरिकों की हत्या हुई और यह सब अलगाववादी ताकतों को खुश करने के प्रयास में किया गया।
उन्होंने कहा कि इसके विपरीत भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने ऐसे तत्वों को सलाखों के पीछे डालकर और आम लोगों की जान की रक्षा करके निर्णायक रूप से काम किया। उन्होंने राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस की लगातार की जा रही वकालत को भी खारिज करते हुए कहा कि राज्य का दर्जा बीजेपी की कहानी का हिस्सा है, एनसी का नहीं। उमर अब्दुल्ला को लोगों को गुमराह नहीं करना चाहिए। उचित समय पर राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा। विधानसभा के अंदर धार्मिक और भड़काऊ नारे लगाने से उस प्रक्रिया में तेजी नहीं आएगी। भाजपा नेता ने आगे आरोप लगाया कि एनसी नेता सदन के अंदर धार्मिक भावनाओं को भड़काने का प्रयास कर रहे थे।