विद्या भंडारी सदस्यता रद्द: नेपाल की राजनीति में हलचल
विद्या भंडारी सदस्यता रद्द करने का फैसला नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (नेकपा एमाले) की केंद्रीय कमिटी ने लिया है। यह निर्णय तीन दिन चली बैठक के बाद आया है।
क्यों रद्द की गई सदस्यता?
पूर्व राष्ट्रपति विद्या भंडारी ने हाल ही में नेकपा एमाले की सदस्यता ली थी और उसका नवीकरण भी करवाया था। लेकिन केंद्रीय कमिटी ने उन्हें सक्रिय राजनीति में आने से रोकते हुए उनकी सदस्यता रद्द कर दी।
क्या कहा महासचिव ने?
पार्टी महासचिव शंकर पोखरेल ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति को सक्रिय राजनीति में नहीं आने देने का सर्वसम्मत निर्णय हुआ है। इसके तहत विद्याभंडारी सदस्यता रद्द कर दी गई और उनका नाम पार्टी की वेबसाइट से हटा दिया गया।
सार्वजनिक घोषणा बनी कारण
विद्या भंडारी ने हाल ही में काठमांडू में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान पार्टी अध्यक्ष और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के सामने ही सक्रिय राजनीति में वापसी की घोषणा की थी। इसके बाद ही विवाद गहराया।
राजनीति में वापसी पर ब्रेक
नेकपा एमाले ने साफ किया है कि पूर्व राष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पद पर रह चुके व्यक्ति की पार्टी में सक्रिय भूमिका ठीक नहीं मानी जाती। इसीलिए यह कदम उठाया गया।