नूंह में नवजात शिशु का हाथ कटा: मानवाधिकार आयोग ने मांगी रिपोर्ट
हरियाणा के नूंह जिले के सरकारी अस्पताल में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। बीते 30 जुलाई को अलआफिया अस्पताल, मांडीखेड़ा में प्रसव के दौरान नवजात शिशु का हाथ कटा गया।
परिजन बोले- डॉक्टरों की लापरवाही
मेवात निवासी शकील की पत्नी सरजीना को प्रसव पीड़ा के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। परिजनों का आरोप है कि स्टाफ की लापरवाही से नवजात शिशु का हाथ कटा। जब उन्होंने सवाल पूछे, तो उन्हें बदतमीजी से जवाब मिला और बाहर निकाल दिया गया।
आयोग ने लिया स्वतः संज्ञान
इस गंभीर घटना पर हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए सिविल सर्जन नूंह से 15 दिन में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। आयोग के अनुसार, यह मामला संविधान के अनुच्छेद 21 और अंतरराष्ट्रीय बाल अधिकार कानूनों का उल्लंघन है।
मासूम पर अत्याचार, सिस्टम पर सवाल
न्यायमूर्ति ललित बत्रा ने कहा, “जीवन की शुरुआत में ही ऐसी चोट मिलना सिस्टम की विफलता दर्शाता है।” आयोग ने यह भी बताया कि यह घटना मानवता और चिकित्सा प्रोटोकॉल दोनों का अपमान है।
अगली सुनवाई 26 अगस्त को
इस घटना की अगली सुनवाई 26 अगस्त 2025 को होगी। आयोग ने स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों को भी इसकी जानकारी भेज दी है।