📍 गुवाहाटी, 11 जून (हि.स.) — पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (पूसीरे) ने कम वर्षा वाले क्षेत्र लामडिंग में जल संकट को अवसर में बदलते हुए जल संरक्षण अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान की अगुवाई मंडल रेल प्रबंधक समीर लोहानी ने की।
💧 क्या है पहल?
लामडिंग में 90,000 लीटर प्रतिदिन क्षमता वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) का उद्घाटन किया गया है। यह प्लांट प्रतिदिन लगभग 2 लाख लीटर अपशिष्ट जल का शोधन कर उसमें से 50% जल को पुनः उपयोग के योग्य बनाता है।
🚆 रेलवे उपयोग के लिए जल पुनर्चक्रण
- डेमू कोच वाशिंग प्लांट में प्रशोधित जल का उपयोग किया जा रहा है।
- इससे विशुद्ध जल की बचत हो रही है।
- बचा हुआ स्वच्छ जल रेलवे कॉलोनी के घरेलू उपयोग में प्रयोग हो रहा है।
🌱 पर्यावरणीय लाभ और भविष्य की योजनाएं
- परियोजना लागत: ₹1.12 करोड़ (ENHM योजना के अंतर्गत)।
- वर्षा जल संचयन और प्राकृतिक रिसाव उपायों को भी अपनाया जा रहा है।
- भविष्य में सौर ऊर्जा संयंत्र भी स्थापित किया जाएगा।
- पौधारोपण अभियान के जरिए हरित पहल को बढ़ावा मिला।
🏆 एक ऐतिहासिक कदम
यह परियोजना हरित रेलवे और आत्मनिर्भर शहरी पारिस्थितिकी तंत्र की दिशा में एक मील का पत्थर है। पूसीरे ने जल, ऊर्जा और संसाधनों के सतत उपयोग की दिशा में राष्ट्रीय उदाहरण प्रस्तुत किया है।