नोएडा विकास प्राधिकरण का नया कदम
गौतम बुद्ध नगर, 26 सितंबर। नोएडा विकास प्राधिकरण ने शहर के गांवों के विकास के लिए विशेष योजना तैयार की है। अब तक उपेक्षित रहे इन गांवों को चरणबद्ध तरीके से मॉडल रूप में विकसित किया जाएगा।
81 गांवों का होगा मॉडल विकास
प्राधिकरण ने फैसला किया है कि नोएडा शहर बसाने में जमीन देने वाले 81 गांवों को सुनियोजित विकास के तहत बदला जाएगा। इसके लिए कार्ययोजना तैयार की गई है। पहले चरण में हरौला, भंगेल, झुंडपुरा, मोरना, छिजारसी, सोहरखा, सलारपुर, मामूरा, सदरपुर, गढ़ी शहदरा, अट्टा और अन्य प्रमुख गांव शामिल किए गए हैं।
अलग सीवरेज पंपिंग स्टेशन और जलाशय
गांवों की संकरी गलियों में नई सीवर लाइन डालना संभव नहीं है। इसलिए प्रत्येक गांव का अलग सीवरेज पंपिंग स्टेशन (SPS) बनाया जाएगा। इससे सीवर का पानी सीधे एसटीपी तक पहुंचेगा और गलियों में जलभराव नहीं होगा।
इसी तरह, हर गांव का अलग भूमिगत जलाशय (UGR) बनाया जाएगा। इससे गांव और सेक्टर की जल आपूर्ति अलग-अलग होगी। पानी मीटर व्यवस्था लागू होने पर गांवों को नियमित आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।
बढ़ती आबादी और पुरानी लाइनें
अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी कृष्णा करुणेश ने बताया कि अभी कई गांव और सेक्टर एक ही यूजीआर से पानी लेते हैं। इससे कभी गांवों को तो कभी सेक्टरों को पानी की कमी झेलनी पड़ती है। साथ ही बढ़ती आबादी के दबाव से सीवर ओवरफ्लो की समस्या भी सामने आती है।
विकास पर विशेष खर्च
अब तक हर साल करीब 125 करोड़ रुपये गांवों के विकास पर खर्च हो रहे थे, लेकिन वह नाकाफी साबित हो रहा था। नई योजना के तहत गांवों को बेहतर आधारभूत सुविधाएं दी जाएंगी ताकि वे भी शहर के शो विंडो नोएडा की पहचान के अनुरूप विकसित हो सकें।