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अनुभवी पिस्टल शूटर राही सरनोबत ने बताई जीवन के सबसे कठिन दौर से उबरने की कहानी

देहरादून, 04 अप्रैल (हि.स.)। अनुभवी पिस्टल शूटर और दो बार की ओलंपियन राही सरनोबत ने राष्ट्रीय खेलों 2025 में जबरदस्त वापसी करते हुए महिलाओं की 25 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीत लिया। 34 वर्षीय राही के लिए यह जीत केवल एक खेल उपलब्धि नहीं, बल्कि उनके जीवन के सबसे कठिन दौर से उबरने की कहानी है।

हाउस ऑफ ग्लोरी पॉडकास्ट (गगन नारंग स्पोर्ट्स फाउंडेशन की पहल) के एक हालिया एपिसोड में राही ने अपने संघर्षों के बारे में खुलकर बात की कि कैसे उन्होंने न्यूरोपैथिक पेन सिंड्रोम जैसी जटिल और रहस्यमयी बीमारी से लड़ाई लड़ी और अब एक बार फिर ओलंपिक पदक के सपने को जीने के लिए मैदान में उतरी हैं।

राही के बीमार होने की शुरुआत 2022 में हुई, जब वे वर्ल्ड चैंपियनशिप के नेशनल कैंप के लिए तैयारी कर रही थीं। अचानक उन्हें शरीर में जलन और तंत्रिकाओं में दर्द जैसी समस्याएं महसूस होने लगीं। कई टेस्टों के बावजूद कोई ठोस निदान नहीं मिला। उन्होंने बताया “मैं बिस्तर पर लेट भी नहीं सकती थी, महीनों तक बैठकर सोती थी।” बाद में न्यूरोलॉजिकल जांचों के बाद उन्हें न्यूरोपैथिक पेन सिंड्रोम का पता चला। उन्होंने कहा, “इस बीमारी का न तो कोई निश्चित पैटर्न है, न ही कोई तय इलाज। यह हर व्यक्ति की मेडिकल हिस्ट्री पर निर्भर करता है। यही बात इसे और भी डरावना बना देती है।”

राही ने बताया कि वे महीनों तक दिन में 17–20 घंटे सोती थीं, और बस छत को घूरती रहती थीं। उन्होंने कहा, “मैं सामान्य जीवन नहीं जी पा रही थी, मैं बस वापस जिंदगी में लौटना चाहती थी, खेल तो बाद की बात थी।” यह पहली बार नहीं था जब राही को खेल में वापसी करनी पड़ी हो। 2014 में उनकी शूटिंग हाथ की कोहनी में हेयरलाइन फ्रैक्चर हो गया था, जिससे उबरने में उन्हें सात महीने लगे। फिर उन्होंने वापसी करते हुए 2018 एशियाई खेलों में स्वर्ण जीता और 2021 टोक्यो ओलंपिक में भाग लिया, लेकिन राही के अनुसार इस बार की वापसी बिल्कुल अलग रही।

उन्होंने बताया, “पिछली बार यह एक सामान्य चोट थी, जिसका तय इलाज और प्रक्रिया थी, लेकिन इस बार तो मैं सिर्फ सामान्य जीवन जीने की चाह रख रही थी। शूटिंग तो सोच में भी नहीं थी।” ठीक होने की राह भी आसान नहीं रही। न्यूरोलॉजिस्ट ने उन्हें दर्द के बावजूद फिजियोथेरेपी शुरू करने की सलाह दी। उनकी पहली कसरत थी – 20 मिनट तक बैठकर एक टीवी शो देखना। लेकिन अत्यधिक थकान के कारण वे यह भी नहीं कर पाईं। फिजियोथेरेपिस्ट ने उनके साथ दिन में कई घंटे काम किया।

आज राही खुद को एक बदली हुई एथलीट मानती हैं। उन्होंने कहा, “अब मैं खुद के लिए खेलती हूं। अब यह दुनिया को कुछ साबित करने के लिए नहीं है। यह मेरा सपना है, जिसे एक कारण से मेरे अंदर डाला गया है। मैं इसे एक और मौका देना चाहती हूं।” उन्होंने अंत में कहा, “अब खोने को कुछ नहीं है, इसलिए मैं और भी साहसी बन गई हूं। मैं चाहती हूं कि लोग मुझे उस व्यक्ति के रूप में याद करें जिसने चीजों को मुमकिन बनाया।”

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