📍 पौड़ी गढ़वाल, 12 जून (हि.स.) — उत्तराखंड के ऐतिहासिक देवलगढ़ मंदिर के सौंदर्यीकरण और जीर्णोद्धार को लेकर जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने समीक्षा बैठक की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि मंदिर का प्राचीन स्वरूप यथावत रखा जाए।
🛠️ मुख्य निर्देश और निर्णय:
- भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, संस्कृति विभाग और अन्य संस्थाओं को मिलाकर विकास समिति गठित की जाएगी।
- स्थानीय हितधारकों के सुझाव लेने के लिए सलाहकार संस्था भी बनाई जाएगी।
- सौंदर्यीकरण में संरचना की मौलिकता से कोई समझौता नहीं होगा।
📄 डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) की पुनः समीक्षा
जिलाधिकारी ने कहा कि पहले बनाई गई डीपीआर की तकनीकी समीक्षा कर, विशेषज्ञों के माध्यम से इसे पुनः तैयार किया जाएगा, ताकि परियोजना वैज्ञानिक, संरचनात्मक और सांस्कृतिक रूप से सुदृढ़ हो।
🧪 भूगर्भीय सर्वेक्षण के आदेश
मंदिर परिसर की स्थिरता और संभावनाओं के वैज्ञानिक मूल्यांकन हेतु भूगर्भीय सर्वेक्षण कराने के निर्देश भी दिए गए।
🏛️ सम्मानित संस्था को सौंपा जाएगा कार्य
उन्होंने कहा कि इस प्राचीन धरोहर के संरक्षण हेतु कार्य किसी प्रतिष्ठित तकनीकी संस्था को सौंपा जाए जो मंदिर की गरिमा को बनाए रखते हुए विकास करे।
👥 उपस्थित अधिकारी:
बैठक में उपजिलाधिकारी श्रीनगर नूपुर वर्मा, एनएच के अधिशासी अभियंता राजीव सिंह, संस्कृति विभाग से प्रेमचंद ध्यानी और मंदिर पुजारी कुंजिका प्रसाद उनियाल आदि मौजूद रहे।