कोकराझाड़ (असम), 17 जून (हि.स.)।
असम की राजनीति में आज बड़ा उलटफेर देखने को मिला।
पर्वतझोड़ा में आयोजित एक भव्य सदस्यता ग्रहण समारोह के दौरान कांग्रेस, एआईयूडीएफ, बीपीएफ और यूपीपीएल जैसी पार्टियों के सैकड़ों नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थाम लिया। इनमें 300 से अधिक अल्पसंख्यक समुदाय के पुरुष और महिलाएं भी शामिल हैं।
🎤 मुख्य आकर्षण:
- स्थान: काजिगांव सामूहिक भवन, पर्वतझोड़ा
- मुख्य अतिथि: बनेन्द्र कुमार मुसाहारी (BJP राष्ट्रीय परिषद सदस्य, असम सरकार के उपाध्यक्ष, मैदानी जनजाति विकास निगम)
📢 नेताओं का बड़ा बयान:
बनेन्द्र मुसाहारी ने प्रमोद बोड़ो सरकार को किनारे करते हुए कहा:
“पर्वतझोड़ा में जो भी विकास दिखाई दे रहा है, वह भाजपा और असम सरकार की देन है।”
उन्होंने यह भी दावा किया कि आने वाले चुनावों में BJP अकेले दम पर BTR (बोडोलैंड टेरिटोरियल रीजन) में सरकार बनाएगी।
🔁 बदलता राजनीतिक समीकरण:
- कांग्रेस, AIUDF और BPF को अल्पसंख्यक वोट बैंक में बड़ी सेंध
- BJP ने UPPL और BPF से दूरी बनाते हुए स्पष्ट किया कि “अब शांति जरूरी है, इसलिए हम सबको साथ लेकर चलेंगे”
🔎 अंदर की बात:
- बांसबाड़ी विरोध-प्रदर्शन के संदर्भ में बनेन्द्र मुसाहारी ने इशारा किया कि भाजपा विपक्ष के आरोपों को सिरे से नकारती है।
- जयंतमल्ल बरुवा और हग्रामा महिलारी का नाम लेकर संकेत दिया गया कि BJP अब क्षेत्रीय दलों पर निर्भर नहीं रहना चाहती।
🧭 आगे की राह:
यह घटनाक्रम संकेत देता है कि –
2026 असम विधानसभा चुनाव से पहले BTR में भाजपा आक्रामक रणनीति अपना रही है और अल्पसंख्यक समुदाय को जोड़ने का प्रयास कर रही है।
📌 क्या BJP की यह रणनीति रंग लाएगी या गठबंधन के बिखराव से नया सियासी संकट पैदा होगा? आने वाले महीनों में इसका जवाब मिल जाएगा।