Thu, Jun 19, 2025
33 C
Gurgaon

विशाल पांडव शिला – पत्थर-कंकड़ फेंकने से होती है मन्नत पूरी

📍 मंडी, 12 जून (हि.स.) — मंडी जिले की सुरम्य वादियों में सराज क्षेत्र के मझाखल गांव में स्थित पांडव शिला अपनी विशालता और रहस्यमय इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ बाखली नदी के बाएँ तट पर दो विशाल चट्टानें इस तरह टिकी हुई हैं कि ऊपर वाली चट्टान को हाथ से हिलाया जा सकता है। मान्यता है कि यदि श्रद्धालु उस चट्टान पर छोटा पत्थर या कंकड़ फेंककर टिकवा देते हैं तो उनकी मनोकामना पूरी होती है।

🪨 पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व
हिमाचल प्रदेश के इतिहास ग्रंथों के अनुसार, पांडव काल में भीम ने इस चट्टान को रास्ते से हटाया था और यह ऊपर वाली चट्टान नीचे वाले बड़े पत्थर पर टिकी रह गई। दोनों शिलाओं के बीच एक शिवलिंग भी स्थापित है, जिस पर श्रद्धालु अपनी मन्नत पूरी होने पर लोहे के त्रिशूल अर्पित करते हैं।

🕉️ स्थानीय मान्यताएं और जुड़ाव
गांव के युवाओं के अनुसार यह शिला पांडवों के हुक्के की कटोरी का चुगल थी। पूर्व में एक पुजारी नियमित पूजा करता था, लेकिन अब वहाँ कोई पुजारी नहीं है। डॉ. हिमेंद्र बाली के अनुसार, करसोग के निकट नर-भक्षी यक्षिणी और उसकी बहन की कथा भी इस पांडव शिला से जुड़ी है। भीम ने यक्षिणी बहनों का वध किया था और तब से इन चट्टानों को श्रद्धालु मनोकामना पूरी करने के लिए पूजते हैं।

📌 महत्वपूर्ण तथ्य

• पांडव काल की प्राचीन विशाल चट्टानें।
• ऊपर वाली चट्टान हाथ से हिलाई जा सकती है।
• श्रद्धालु पत्थर फेंककर मन्नत पूरी होने की कामना करते हैं।
• दोनों शिलाओं के बीच शिवलिंग स्थापित है।
• स्थानीय इतिहासकारों के अनुसार पौराणिक कथाओं से जुड़ा स्थान।
• पुजारी की अनुपस्थिति के बावजूद आस्था कायम।

Hot this week

Ratan Tata ने अपनी वसीयत में पेटडॉग का भी रखा ध्यान, जानिए अब कौन करेगा Tito की देखभाल

 हाल ही में देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने...

गंगा नदी के हालात का आकलन करने के लिए पर्यावरणविदों का विशेष अभियान

कोलकाता, 25 जनवरी (हि.स.)कोलकाता की एक पर्यावरण संस्था ‘मॉर्निंग...
spot_img

Related Articles

Popular Categories