⚖️ पैनम कोल माइंस मामले में अहम सुनवाई
झारखंड के पाकुड़ जिले से जुड़े पैनम कोल माइंस मामले की सुनवाई हुई।
यह मामला अवैध कोयला खनन और विस्थापितों के पुनर्वास से जुड़ा है।
🏛️ हाई कोर्ट ने जताई नाराजगी
झारखंड उच्च न्यायालय ने सख्त रुख अपनाया।
अदालत ने जवाब दाखिल न होने पर नाराजगी जताई।
📄 पंजाब पावर ग्रिड से मांगा ब्यौरा
अदालत ने पंजाब पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन से सवाल किए।
कंपनी से चल-अचल संपत्तियों का पूरा विवरण मांगा गया।
🔍 संपत्ति सीज करने पर टिप्पणी
अदालत ने कहा कि आरोप सही पाए गए तो कार्रवाई होगी।
संपत्तियां सीज कर राजस्व क्षति वसूली पर भी विचार होगा।
🤝 खनन में साझेदारी का आरोप
हाई कोर्ट ने टिप्पणी की कि कंपनी की भूमिका संदिग्ध है।
पैनम कोल माइंस के साथ मिलकर काम करने की बात कही गई।
👨⚖️ खंडपीठ ने की सुनवाई
मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई।
न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद भी पीठ में शामिल थे।
📅 अगली सुनवाई 6 जनवरी
अदालत ने अगली सुनवाई की तिथि तय की।
6 जनवरी तक सभी पक्षों को जवाब दाखिल करना होगा।
⛏️ अवैध खनन के गंभीर आरोप
आरोप है कि लीज सीमा से अधिक खनन किया गया।
इससे राज्य सरकार को भारी राजस्व नुकसान हुआ।
🏘️ विस्थापितों के पुनर्वास का मुद्दा
खनन से कई ग्रामीण विस्थापित हुए।
उचित पुनर्वास न होने का भी आरोप लगाया गया।
🧑⚖️ जनहित याचिका का आधार
यह याचिका अधिवक्ता राम सुभग सिंह ने दायर की है।
याचिका में सीबीआई जांच और सख्त कार्रवाई की मांग है।
⚠️ मामला गंभीर मोड़ पर
पैनम कोल माइंस मामला अब निर्णायक चरण में है।
अदालत के रुख से बड़ी कार्रवाई की संभावना दिख रही है।




