पानीपत, 14 मई (हि.स.)। पानीपत नगर निगम कर्मचारी का फर्जीवाड़ा सामने आया है। एक जमीन मालिक से मिलीभगत कर उसकी व्यवसायिक जमीन की प्रॉपर्टी आईडी को बदल कर रिहायशी आईडी में तब्दील कर दिया गया। जिससे नगर निगम को लाखों रुपए का टैक्स घटकर मात्र 12 हजार रुपए रह गया। इतना ही नहीं फायर टैक्स भी हजारों में था, जिसे भी घटाकर नाममात्र कर दिया गया।
सीएम फ्लाइंग को जब इसकी जानकारी मिली तो मामले की जांच की गई । जांच रिपोर्ट आने के बाद उच्चाधिकारियों के आदेशानुसार पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर कर्मचारी व जमीन मालिक के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है।
बुधवार, थाना पुलिस को दी शिकायत में करनाल सीएम फ्लाइंग के अधिकारी राज सिंह ने बताया कि उन्हें एक सूचना प्राप्त हुई थी कि दिलबाग निवासी गांव महमदपुर का ज्योति कॉलोनी बरसत रोड पर 160 वर्ग गज का कमर्शियल प्लॉट है। जिसकी नगर निगम द्वारा नई प्रॉपर्टी आईडी बना दी गई। जबकि पुरानी प्रॉपर्टी आईडी पर प्रॉपर्टी टैक्स 9 लाख 72 हजार रुपए बकाया था।
नगर निगम में सहायक के पद पर तैनात सोनू ने प्लाट मालिक दिलबाग से मिलकर कर इसकी 2023 में नई प्रॉपर्टी बना दी। प्रॉपर्टी आईडी पर बकाया टैक्स नौ लाख 72 हजार को खत्म करके केवल 12 हजार 6 सौ 72 रुपए प्रापर्टी टैक्स कर दिया। इस प्रकार दोनों ने मिलीभगत करके निगम को लाखों रुपए का चूना लगाया। आरोप की जांच के लिए एक टीम गठित की गई।
जांच में टीम द्वारा रिकार्ड का अवलोकन किया गया। रिकॉर्ड के निरीक्षण व जांच के दौरान उपलब्ध साक्ष्यों व दस्तावेज के आधार पर पाया गया कि नगर निगम के अनधिकृत क्षेत्र ज्योति कॉलोनी में स्थित 611.10 वर्गगज क्षेत्र की प्रोपर्टी आईडी दिलबाग सिंह की थी। मौके पर दिलबाग की 160 वर्गगज में दुकानें हैं। जिस पर संपत्ति कर 9.72 लाख बकाया रिकार्ड में अंकित था। याशी कम्पनी द्वारा नगर निगम क्षेत्र की सभी संपत्तियों का सर्वे किया गया था। सर्वे उपरांत याशी कम्पनी द्वारा वर्ष 2022-23 में दिलबाग सिंह के नाम प्रोपर्टी स्टेटस अनधिकृत भूमि एरिया 199.560 वर्गगज अंकित किया गया। जांच के लिए गठित टीम द्वारा दिलबाग सिंह की दुकानों का वास्तविक क्षेत्रफल 160 वर्गगज ग्रांउड फ्लोर कॉमर्शियल रैंटेड प्रोपर्टी के हिसाब से गणना करने पर वर्ष 2010-11 से वर्ष 2023-24 तक 1 लाख 95 हजार 120 रुपए बनता था।
सोनू सहायक यूएलवी (चैकर, एडमिन) द्वारा प्रॉपर्टी मालिक से मिलीभगत करके वर्ष 2022-23 का (प्रॉपर्टी टैक्स 5760, फायर टैक्स 576 रुपए) व 2023-24 का (प्रोपर्टी टैक्स 5760, फायर टैक्स 576 रुपए) 2 वर्ष का कुल राशि 12 हजार 672 रुपए दिखाया गया। जिसको प्रॉपर्टी मालिक ने जमा भी करा दिया था, मगर इससे नगर निगम को लाखों रुपए का नुकसान हुआ । पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।