पार्थ चटर्जी को कोर्ट से राहत
पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन (SSC) घोटाले में फंसे पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी जमानत पर मंगलवार को राहत मिली। कोलकाता की विशेष सीबीआई अदालत ने गैर-शिक्षण ग्रुप सी कर्मचारियों की भर्ती में अनियमितताओं से जुड़े मामले में उन्हें 90,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी।
जेल से बाहर क्यों नहीं आ पाएंगे?
हालांकि यह राहत उनकी रिहाई का रास्ता साफ नहीं करती। पार्थ चटर्जी की जेल से बाहर आने की उम्मीद अब कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले पर टिकी है। प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति से जुड़े केस में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी हो चुकी है और न्यायमूर्ति सुव्रा घोष की पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
कई मामलों में आरोपित
पार्थ चटर्जी के खिलाफ सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने कई मामले दर्ज किए हैं। जांच एजेंसियां उन्हें पूरे स्कूल भर्ती घोटाले का मुख्य सूत्रधार मानती हैं। यह घोटाला कुल छह हिस्सों में बंटा है—
माध्यमिक, उच्च माध्यमिक और उच्च प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती (SSC के तहत)
प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति (पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ प्राइमरी एजुकेशन)
ग्रुप C और ग्रुप D गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति
अब तक अदालतों से उन्हें कई मामलों में जमानत मिल चुकी है, लेकिन प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति केस में राहत न मिलने के कारण वे अब भी जेल में हैं।