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नरसिंहपुरः मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने ग्राम रीछई में किया विभिन्न कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन

नरसिहंपुर, 11 अप्रैल (हि.स.)। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने शुक्रवार को करेली जनपद पंचायत रीछई में लगभग 50 लाख रुपये की लागत के आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केन्द्र, दाने दादा से मृगेन्द्रनाथ धाम की ओर सुदूर सड़क, सामुदायिक भवन एवं आंगनबाड़ी केन्द्र क्रमांक दो का लोकार्पण और खेल मैदान समतलीकरण सीढ़ी एवं रिटर्निंग वॉल निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया।

इस अवसर पर विधायक विश्वनाथ सिंह पटेल, पूर्व राज्यमंत्री जालम सिंह पटेल, जिला पंचायत उपाध्यक्ष अनीता राजेन्द्र सिंह ठाकुर, रामसनेही पाठक, अन्य विशिष्ट जनप्रतिनिधि, जिला पंचायत सीईओ दलीप कुमार, अधिकारी- कर्मचारी और ग्रामवासी मौजूद थे। यहाँ मंत्री पटेल एवं अन्य अतिथियों ने प्रमोद कुमार चौधरी का सम्मान किया। उल्लेखनीय है कि उप स्वास्थ्य केंद्र के लिए चौधरी द्वारा अपनी भूमि दान स्वरूप प्रदान की गई है।

इसके पश्चात मंत्री पटेल देवपुर के मृगेन्द्रनाथ जी मेला पहुंचे। यहां उन्होंने धाम पर जाकर दर्शन कर पूजा- अर्चना की और गौशाला पहुंचकर गौमाता को खीर- पुरी खिलाई। कार्यक्रम में मंत्री व अन्य अतिथियों ने संगीत मंडली को पुरस्कृत भी किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री पटेल कहा कि आज श्री मृगेंद्रनाथ धाम आने का अवसर मिला है। यह धाम बहुत प्राचीन है। यहाँ से गहरा नाला का उद्गम हुआ है जो नर्मदा नदी में जाकर मिलता है। जिले में ऐसी बहुत कम नदियाँ है, जो नर्मदा में समाहित होती है। इस संबंध में उन्होंने सागर जिले के केसली जनपद के खैरी गांव का उल्लेख करते हुए बताया कि यह दो नदियों सुनार और सिंदूर का उद्गम स्थल है। मंत्री पटेल ने बताया कि उनके गुरु परम पूज्य श्री श्री बाबा श्री जी ने कहा था कि नदी का उद्गम ऊर्जा और नदी का संगम जीवन देता है। हमने अपने लालच के लिए जल का दोहन तो किया है लेकिन उसके संचयन के लिए ध्यान नहीं दिया। मृगेंद्रनाथ धाम के समीप गहरा नाला बारहमासी नहीं है, हमें इसके कारणों को जानना होगा ताकि हम इसमें जल संरक्षित कर सके।

मंत्री पटेल ने बताया कि राज्य सरकार जल गंगा संवर्धन अभियान चला रही है। छोटी नदियों और जल स्रोतों के अस्तित्व को बचाए रखने के लिए न केवल प्रशासन बल्कि आम नागरिकों की जन भागीदारी भी आवश्यक है। छोटी- छोटी जल संरचनाओं को यदि हम सुरक्षित करते हैं तो भविष्य में जल संकट से बच सकते हैं और इसी उद्देश्य से जल गंगा संवर्धन अभियान पूरे प्रदेश भर में वृहद स्तर पर शुरू किया गया है, जिससे हमारे जलाशयों की सफाई, छोटी नदी, तालाब आदि जल संरचनाओं को संरक्षित किया जा सके और पौधारोपण किया जा सके। सभी की भागीदारी से ही इस अभियान की सफलता है। हमें एकजुट होकर जल संरक्षण के लिए काम करना होगा। प्रकृति का अनुपम वरदान है जल। इसे हमें अपने और भावी पीढ़ी के लिए बचाना होगा। जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है।

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