पटना में जिलों के समग्र विकास राष्ट्रीय सम्मेलन का दूसरा दिन सम्पन्न
पटना, 12 सितंबर: जिलों के समग्र विकास पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन देशभर से आए वरिष्ठ प्रशासक, नीतिनिर्माता और विशेषज्ञों ने सहभागी शासन और सतत विकास के सफल अनुभव साझा किए। सम्मेलन का फोकस पारदर्शिता बढ़ाने, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण की प्रभावशीलता, समग्र शासन दृष्टिकोण और कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन पर रहा।
प्रमुख सत्र और अनुभव
दूसरे दिन के चौथे सत्र की अध्यक्षता भारतीय लोक प्रशासन संस्थान, नई दिल्ली के महानिदेशक एस. एन. त्रिपाठी ने की। उन्होंने समयबद्ध योजना उपलब्धता और सुधारात्मक पहलों पर जोर दिया।
पटना के जिलाधिकारी त्यागराजन एस. एम. ने बच्चों में श्रवण क्षमता ह्रास की समस्या के समाधान हेतु अभिनव मॉडल प्रस्तुत किया। आंगनबाड़ी ढांचे और विभागीय समन्वय के माध्यम से बिना अतिरिक्त बजट के यह पहल बच्चों के लिए जीवन बदलने वाला साबित हुई।
पूर्वोत्तर भारत से डॉ. वर्णाली डेका ने असम के नलबाड़ी जिले की ‘नो वन लेफ्ट बिहाइंड’ पहल साझा की। राजस्थान के बीकानेर से जिलाधिकारी नाम्रता वृष्णि ने आंगनबाड़ी स्तर पर स्थानीय भाषा में शिक्षा, विद्युतीकरण और स्मार्ट टीवी जैसी पहलों का अनुभव बताया।
खेल और कल्याण क्षेत्र में प्रगति
बिहार के खेल निदेशक महेंद्र कुमार ने बताया कि राज्य में मनरेगा के तहत 8,000 से अधिक खेल मैदान विकसित किए गए हैं। उन्होंने छात्रवृत्ति, प्रतिभा पहचान और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की मेजबानी के माध्यम से बिहार को खेल क्षेत्र में उभरती शक्ति बताया।
पाँचवें सत्र की अध्यक्षता गन्ना उद्योग विभाग के प्रधान सचिव नरमदेश्वर लाल ने की। इसमें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, पोषण कार्यक्रम और पीएम-जन आरोग्य योजना जैसी योजनाओं के प्रभावशील क्रियान्वयन के अनुभव साझा किए गए।
समापन और सराहना
समापन अवसर पर सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. बी. राजेन्दर ने बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन की टीम को बधाई दी। भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव पुनीत यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत और विकास आयुक्त डॉ. एस. सिद्धार्थ के नेतृत्व की सराहना करते हुए सम्मेलन की सफलता पर धन्यवाद दिया।