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शिवसुब्रमण्यम रमण बने PFRDA चेयरमैन – जानिए उनके अनुभव और भविष्य की दिशा!

नई दिल्ली, 20 जून (हि.स.) — पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) को अब नया नेतृत्व मिल गया है। शिवसुब्रमण्यम रमण ने शुक्रवार को आधिकारिक रूप से PFRDA के अध्यक्ष (Chairman) का पदभार ग्रहण कर लिया है।

🔹 कौन हैं शिवसुब्रमण्यम रमण?

शिवसुब्रमण्यम रमण भारतीय लेखा परीक्षा एवं लेखा सेवा (IA&AS) के 1991 बैच के अधिकारी हैं। उनके पास वित्तीय नियमन, सार्वजनिक वित्त और टेक्नोलॉजी में तीन दशकों का अनुभव है।

🔹 उनका पिछला अनुभव

रमण कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं:

  • भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक कार्यालय में उप नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक
  • मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी के तौर पर कार्य
  • SIDBI के चेयरमैन व एमडी
  • NESL (राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सेवा लिमिटेड) के सीईओ
  • SEBI में कार्यकारी निदेशक

🔹 PFRDA में उनकी भूमिका क्या होगी?

अब सवाल उठता है, What is the role of PFRDA?
PFRDA भारत में पेंशन फंड का नियमन और विकास करता है। इसका प्रमुख लक्ष्य है:

  • सभी नागरिकों को सेवानिवृत्ति सुरक्षा प्रदान करना
  • NPS (National Pension System) को मजबूत करना
  • वित्तीय साक्षरता और सुरक्षा को बढ़ावा देना

रमण के अनुभव को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि वे PFRDA को एक नवाचार-आधारित दिशा में आगे बढ़ाएंगे।

🔹 कौन बन सकता है PFRDA के चेयरमैन?

Who is eligible for PFRDA?
सरकार आमतौर पर ऐसे उम्मीदवारों को चुनती है जिनके पास वित्त, नियमन और सार्वजनिक नीति में उच्च स्तर का अनुभव हो। रमण इस श्रेणी में पूरी तरह फिट बैठते हैं।

🔹 NPS और PFRDA में क्या अंतर है?

What is the difference between PFRDA and NPS?

  • NPS एक पेंशन योजना है जिसमें आम नागरिक निवेश करते हैं।
  • PFRDA इसका नियामक निकाय है जो इस योजना को सुरक्षित और पारदर्शी बनाता है।

🔹 क्या होगा आगे?

वित्त मंत्रालय ने भी भरोसा जताया है कि रमण का नेतृत्व PFRDA को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। उनका अनुभव पेंशन प्रणाली को डिजिटल और समावेशी बनाने में सहायक होगा।


📌 निष्कर्ष:
शिवसुब्रमण्यम रमण का अनुभव और नेतृत्व भारत की पेंशन प्रणाली में एक नए युग की शुरुआत कर सकता है। PFRDA Chairman के रूप में उनकी भूमिका अब और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई है।

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