प्रधानमंत्री मोदी ने महर्षि वाल्मीकि जयंती पर नमन किया
नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों को महर्षि वाल्मीकि जयंती की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने वाल्मीकि को संस्कृत भाषा का आदि कवि और रामायण के रचयिता के रूप में याद किया।
वाल्मीकि का प्रेरणादायक जीवन
प्रधानमंत्री ने बताया कि महर्षि वाल्मीकि का जीवन डाकू से ऋषि बनने की प्रेरणादायक कहानी है। रत्नाकर नामक व्यक्ति ने नारद मुनि से मिलकर तपस्या की और वाल्मीकि नाम प्राप्त किया। इस घटना की पृष्ठभूमि ने महर्षि वाल्मीकि जयंती को विशेष महत्व दिया।
रामायण और आदर्श शिक्षा
मोदी ने अपने संदेश में कहा कि वाल्मीकि ने राम के जीवन पर आधारित महाकाव्य रामायण लिखकर समाज में आदर्श और सात्विक विचार फैलाए। उनके संदेश आज भी सामाजिक समरसता और नैतिकता का मार्गदर्शन करते हैं।
वाल्मीकि के पहले श्लोक की कथा
कहते हैं कि जब वाल्मीकि गंगा में स्नान कर रहे थे, उन्होंने शिकारी को पक्षी मारते देखा। उन्होंने अनायास शाप दिया, जो संस्कृत का पहला श्लोक बन गया। नारद मुनि ने उन्हें इसे आधार बनाकर रामायण लिखने का आदेश दिया।
समाज और संस्कृति में योगदान
इस प्रकार महर्षि वाल्मीकि ने संस्कृत के प्रथम महाकाव्य की रचना की और आदिकवि की उपाधि प्राप्त की। उनकी तपस्या और ज्ञान ने उन्हें महर्षि का दर्जा दिलाया। महर्षि वाल्मीकि जयंती हमें सदाचार, ज्ञान और प्रेरणा की याद दिलाती है।