भारत का विकास मॉडल दुनिया के लिए आशा का प्रतीक
नई दिल्ली, 18 नवंबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छठवें रामनाथ गोयनका व्याख्यान में कहा कि भारत का विकास मॉडल आज दुनिया के लिए आशा और विश्वास का नया प्रतीक बन गया है। सामाजिक बदलाव, आर्थिक प्रगति और लोकतांत्रिक मजबूती ने देश की वैश्विक पहचान को और मजबूत किया है।
गुलामी की मानसिकता से मुक्ति का संकल्प
प्रधानमंत्री ने देशवासियों से अपील की कि आने वाले दस वर्षों में हम सभी गुलामी की मानसिकता से पूरी तरह बाहर निकलने का सामूहिक संकल्प लें। उन्होंने कहा कि यह मानसिकता उपनिवेशवाद की देन है, और नया भारत अब आत्मविश्वास से भरा हुआ है।
रामनाथ गोयनका से मिला सत्य और कर्तव्य का संदेश
पीएम मोदी ने बताया कि रामनाथ गोयनका राष्ट्रप्रथम की भावना, सत्य और पत्रकारिता की निडरता के प्रतीक थे। उनके जीवन से लोकतंत्र को मजबूती देने की सीख मिलती है।
लोकतंत्र के प्रति जनता का विश्वास बढ़ रहा
प्रधानमंत्री ने हाल के बिहार विधानसभा चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि रिकॉर्ड मतदान और महिलाओं की अभूतपूर्व भागीदारी दर्शाती है कि भारत का लोकतंत्र लगातार सशक्त और जीवंत हो रहा है।
जनता की भावनाओं को समझना ही जीत का मंत्र
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चुनाव जीतने का मूल मंत्र सिर्फ लोगों की भावनाओं को सही ढंग से समझना है। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार चुनाव मोड में नहीं रह सकती, बल्कि जनता के विकास के लिए काम करना सबसे आवश्यक है।
माओवाद का असर घटा, विकास की रफ्तार बढ़ी
प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले वर्षों में देश में माओवाद का प्रभाव उल्लेखनीय रूप से कम हुआ है। यह भारत के विकास, सुरक्षा और स्थिरता के लिए बेहद सकारात्मक संकेत है।




