900 से अधिक अनुदेशकों ने उठाई सेवा शर्तों और वेतन वृद्धि की मांग
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले सहित बस्तर संभाग में संचालित पीएमश्री आवासीय विद्यालयों में कार्यरत अनुदेशकों ने सोमवार को चार सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
अनुदेशकों ने बताया कि बीजापुर जिले में कुल 71 आवासीय विद्यालय संचालित हैं, जहां लगभग 4000 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। इन विद्यालयों में करीब 900 अनुदेशक विभिन्न कक्षाओं में अध्यापन कार्य कर रहे हैं, जिनमें प्राथमिक से लेकर उच्चतर माध्यमिक तक की कक्षाएं संचालित होती हैं।
क्या हैं अनुदेशकों की प्रमुख मांगें?
ज्ञापन में अनुदेशकों ने मुख्य रूप से चार मांगें रखी हैं—
- आगामी शिक्षक भर्ती में अनुदेशकों को शिथिलता देकर मर्ज नियम लागू किया जाए।
- वर्ष 2026–27 से अनुदेशकों का मानदेय बढ़ाया जाए।
- पूर्णकालिक कार्य करने के बावजूद उन्हें पार्ट-टाइम शिक्षक बताकर कम मानदेय देने की व्यवस्था खत्म की जाए।
- अनुदेशकों को 24 घंटे निवासरत रखने के बजाय केवल कार्यकालीन समय में ड्यूटी करने की अनुमति दी जाए।
शैक्षणिक के साथ निभा रहे कई अतिरिक्त दायित्व
अनुदेशकों ने बताया कि वे केवल पढ़ाने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि नवोदय कोचिंग, खेलकूद, योग, कंप्यूटर शिक्षा, स्वास्थ्य देखरेख, छात्र दस्तावेज़ों (आधार, जाति प्रमाण पत्र, अपार, जन्म प्रमाण पत्र) की व्यवस्था जैसे कई कार्य भी करते हैं। ग्रीष्मकालीन अवकाश में भी स्कूल ड्रॉपआउट बच्चों की पहचान और नामांकन जैसे कार्यों में उनकी भूमिका रहती है।




