इस्लामाबाद, 4 अक्टूबर।
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में हाल ही में हुई पुलिस गोलीबारी और 12 प्रदर्शनकारियों की मौत के बाद शहबाज शरीफ सरकार को झुकना पड़ा है। व्यापक जनाक्रोश को देखते हुए सरकार ने प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत शुरू की और कई प्रमुख मांगों पर सहमति बनाई।
शुक्रवार को मुज़फ़्फ़राबाद के पीसी होटल में उच्चस्तरीय बैठक हुई, जिसमें पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ़, संघीय मंत्री और पीओके सरकार के मंत्री शामिल हुए। बातचीत संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी (जेएएसी) के प्रतिनिधियों से हुई।
बैठक में बनी सहमति के बिंदु:
- हिंसा और मौतों की घटनाओं पर आतंकवाद निरोधक कानून के तहत एफआईआर दर्ज होगी। जरूरत पड़ने पर न्यायिक आयोग भी बनेगा।
- 1-2 अक्टूबर की घटनाओं में मारे गए लोगों के परिजनों को वही मुआवजा मिलेगा जो सुरक्षा बलों के लिए तय है।
- गोली से घायल हर व्यक्ति को 10 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा।
- प्रत्येक मृतक परिवार के एक सदस्य को 20 दिन में सरकारी नौकरी दी जाएगी।
- मुज़फ़्फ़राबाद और पुंछ संभाग में दो नए शिक्षा बोर्ड स्थापित होंगे और 30 दिन में इन्हें इस्लामाबाद बोर्ड से जोड़ा जाएगा।
- 15 दिन में स्वास्थ्य कार्ड योजना लागू करने के लिए धन जारी होगा।
उल्लेखनीय है कि पानी, बिजली और आटा-चावल पर सब्सिडी, टैक्स राहत जैसी बुनियादी मांगों को लेकर लोग प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस गोलीबारी में मौतों के बाद हालात और बिगड़ गए। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया।
इस हिंसा पर एमनेस्टी इंटरनेशनल और स्थानीय मानवाधिकार संगठनों ने चिंता जताई है और पाकिस्तान सरकार से शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकार की रक्षा करने तथा संचार प्रतिबंध हटाने की अपील की है।