📍 हुगली, 13 जून (हि.स.) — पश्चिम बंगाल के हुगली-चुंचुड़ा नगर पालिका क्षेत्र में प्रशासन द्वारा राशन दुकानों के माध्यम से भगवान जगन्नाथ का प्रसाद बांटे जाने के फैसले ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। एक ओर प्रशासन इसे सांस्कृतिक एकता और समर्पण की पहल बता रहा है, वहीं विपक्ष इसे आस्था और करदाताओं के पैसों का अपमान करार दे रहा है।
🛒 राशन दुकानों से होगा प्रसाद वितरण
हुगली सदर महकमा शासक स्मिता सान्याल शुक्ला ने गुरुवार को राशन डीलरों के साथ बैठक कर योजना का खाका प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि क्षेत्र के 25 से 26 हजार परिवारों तक प्रसाद पहुंचाया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि “प्रसाद सभी को मिलेगा, चाहे राशन कार्ड हो या न हो। वितरण कई चरणों में किया जाएगा ताकि बर्बादी रोकी जा सके। राशन दुकान सिर्फ वितरण का केंद्र है।”
💬 राशन डीलर भी दिखे तैयार
राशन डीलर कल्याणेश्वर साहा ने कहा, “दबाव तो था, लेकिन हम इस काम का हिस्सा बनकर खुश हैं। प्रशासन को सहयोग देना हमारा कर्तव्य है।”
⚡ विपक्ष का तीखा विरोध
भाजपा विधायक बिमन घोष ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा:
“यह कोई असली प्रसाद नहीं है। यह किसी मंदिर से नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री के सांस्कृतिक केंद्र से आ रहा है। राशन दुकानों से प्रसाद बांटना आस्था का अपमान है। अगर यह पुरी जगन्नाथ मंदिर से आता तो मैं सबसे पहले स्वीकार करता। यह महज राजनीतिक स्टंट है, मुख्यमंत्री टैक्स के पैसे से अपनी छवि बना रही हैं।”
🎯 विवाद की मुख्य बातें संक्षेप में:
- 📦 प्रसाद वितरण राशन दुकानों से, सभी को मिलेगा
- 🛐 विपक्ष का आरोप: आस्था और परंपरा का अपमान
- 💬 प्रशासन: वितरण सुविधा के लिए किया गया यह चयन
- 🔥 राजनीतिक माहौल गरमाया, सांस्कृतिक बनाम राजनीतिक बहस छिड़ी