राजनीति की जड़ में दिल्ली की झुग्गियां
दिल्ली की झुग्गियां एक बार फिर राजनीतिक गर्मी का केंद्र बन चुकी हैं। केजरीवाल सरकार और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज है।
क्या है असली मुद्दा?
केवल अवैध झुग्गियों को हटाया जा रहा है, यह बीजेपी का दावा है। वहीं, आप पार्टी इसे गरीब विरोधी करार दे रही है। कोर्ट के आदेश पर ही कार्रवाई हो रही है, लेकिन दिल्ली की झुग्गियां राजनीतिक भाषणों का प्रमुख हिस्सा बन गई हैं।
भाजपा का जवाबी हमला
बीजेपी ने ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ के तहत झुग्गीवासियों को मकान देने की बात कही है। गृहमंत्री ने दावा किया कि दिल्ली की झुग्गियां बसाने वालों को पक्के घर मिलेंगे। 43 करोड़ की लागत से 2500 मकानों को तैयार किया जा रहा है।
योजनाएं सिर्फ नाम बदलने तक?
मोहल्ला क्लीनिक का नाम बदलकर ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ किया गया है, लेकिन सेवा में सुधार नहीं दिखता। दिल्ली की झुग्गियां जितनी बड़ी चिंता हैं, उतनी ही उपेक्षित हैं बाकी योजनाएं।
चुनौतियां अब भी बाक़ी हैं
यमुना की सफाई, जलभराव, और सर्दियों का प्रदूषण—इन सब पर काम जरूरी है। पांच महीने में बड़ी घोषणा तो हुई, लेकिन जमीनी असर कम है।
आगे क्या?
अब वक्त है वादों से आगे जाकर काम दिखाने का। दिल्ली की झुग्गियां और गरीब जनता जवाब मांग रही है।