फतेहाबाद, 17 मार्च (हि.स.)। भाजपा हाई कमान के निर्देशानुसार आज बीजेपी जिला कार्यालय में भाजपा की जिला चुनाव अधिकारी आशा खेदड़ ने नए जिलाध्यक्ष के तौर पर बीजेपी के 40 साल पुराने वरिष्ठ नेता एडवोकेट प्रवीण जोड़ा का नाम घोषित किया। प्रवीण जोड़ा को जिलाध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं में उत्साह की लहर दौड़ गई।
जिला चुनाव अधिकारी आशा खेदड़, जिला प्रभारी सुरेन्द्र आर्य व पूर्व जिलाध्यक्ष स. बलदेव सिंह ग्रोहा ने नए जिलाध्यक्ष प्रवीण जोड़ा को बधाई व शुभकामनाएं दीं तथा उन्हें जिलाध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाकर उनका सम्मान किया। जिला चुनाव अधिकारी आशा खेदड़ ने अपने संबोधन में कहा कि भाजपा एक मात्र ऐसी पार्टी है, जहां निष्ठावान कार्यकर्ता को सही समय आने पर बड़ी जिम्मेदारी देकर उसका गौरव बढ़ाया है। भाजपा में हर कार्यकर्ता को बराबर का मान सम्मान दिया जाता है।
अपनी नियुक्ति पर जिलाध्यक्ष प्रवीण जोड़ा ने पार्टी हाई कमान का आभार व्यक्त किया तथा सभी भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि हाई कमान ने उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी है, वह उसका पूरी निष्ठा व ईमानदारी से निर्वाह करेंगे तथा सभी कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चलेंगे। इस अवसर पर कार्यकर्ताओं ने खूब उत्साह व खुशी जताई। जिला बीजेपी कार्यालय में कार्यालय में सभी ने नए जिलाध्यक्ष प्रवीण जोड़ा को फूल मालाएं पहनाकर तथा बुके भेंटकर बधाई दी। इस अवसर पर ढोल नगाड़े बजे और मिठाईयां भी बांटी गई। इस अवसर पर द्वारका प्रसाद, राजपाल बैनीवाल, अशोक जाखड़, महेश शर्मा, जगदीश शर्मा, विजय गोयल, मनजीत गोस्वामी, अनिल सिहाग, भीम लाम्बा, रामचन्द्र रेल्हन, विकास शर्मा, संदीप तनेजा, नरेश तनेजा टीटू, शम्मी ढींगड़ा, राधेकृष्ण नारंग, सविता टुटेजा, सुमन बजाज, निलांशी शर्मा, पूनम सिंगला, पवन सिंह, जगदीप मोंगा, अवतार मोंगा सहित फतेहाबाद जिले के प्रदेश, जिला व मंडल के पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।
सुषमा स्वराज ने कहा प्रवीन नहीं प्रवीण बोला करोभाजपा जिलाध्यक्ष बने प्रवीण जोड़ा ने बताया कि पहले वो अपना नाम प्रवीन जोड़ा लिखते थे। वर्ष 1998 की बात है सुषमा स्वराज फतेहाबाद से होकर सिरसा रैली को संबोधित करने जा रही थी। उस दौरान उनका व भाजपा के तत्कालीन नेता आजाद सचदेवा का ऑफिस सिरसा रोड पर होता था। उन्होंने फतेहाबाद में सुषमा स्वराज का अभिनंदन किया था। उस दौरान प्रवीण जोड़ा ने सुषमा स्वराज को अपना नाम प्रवीन बताया। तो सुषमा ने उसी समय कहा कि प्रवीन शब्द न बोलकर प्रवीण शब्द बोला करो। प्रवीण शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है। उसके बाद वे अपना नाम प्रवीण बताने लगे। सुषमा ने बताया कि प्रवीण शब्द का शाब्दिक अर्थ कुशल होता है। प्रवीन शब्द का काई अर्थ ही नहीं होता।