रायपुर, 20 मई (हि.स.)। सड़क हादसे के बाद समय पर इलाज नहीं मिलने की वजह से हजारों लोग जान गंवा देते हैं। कभी अस्पताल एडवांस की मांग करता है, तो कभी इंश्योरेंस पॉलिसी दिखाने की शर्त आड़े आ जाती है। हालांकि अब ऐसा नहीं होगा। सड़क दुर्घटना के घायलों का पहले 7 दिन हर अस्पताल को ‘नकदी रहित (कैश लेस) इलाज करना अनिवार्य है। यह इलाज स्वास्थ्य विभाग से मान्यता प्राप्त प्रदेश के 134 और राज्य के बाहर के सभी 61 अस्पतालों को करना होगा। यानी किसी अन्य राज्य में प्रवास पर जाने के दौरान दुर्घटना होने पर वहां भी कैश लेस इलाज हो सकेगा।
सड़क सुरक्षा के लिए पीएचक्यू में गठित अंतरविभागीय लीड एजेंसी में सभी कलेक्टर, पुलिस अधीक्षकों को साेमवार की देर रात ही यह पत्र जारी किया है। भारत सरकार के राजपत्र में, 5 मई को प्रकाशित नगदी रहित उपचार स्कीम 2025 अधिसूचना के हवाले से राज्य एजेंसी ने यह आदेश जारी किया है। यह कैश लेस इलाज, दुर्घटना के बाद पहले 7 दिन तक 1.50 लाख रुपये तक हो सकेगा। वह भी बिना किसी कागजी झंझट, एडवांस या इंश्योरेंस डॉक्यूमेंट के।




