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सहजन के वृक्षारोपण को बढ़ावा, विशेष अभियान शुरू

वृक्षारोपण और उपयोग के नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सिफ्सा और एनएचएम ने शुरू की पहल

झाँसी जिले के सभी आठ ब्लॉक में किये जाएँगे विशेष प्रयास

बढ़ावा देने में भूमिका निभाने वालों को किया जाएगा सम्मानित

झांसी, 6 मार्च (हि.स.)। योगी सरकार महिलाओं और किशोरियों में एनीमिया की चुनौती से निपटने के लिए अब सहजन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए विशेष अभियान चला रही है। राज्य परिवार नियोजन सेवा अभिनवीकरण परियोजना एजेंसी (सिफ्सा) और राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन के सहयोग से राज्य स्तर पर इस परियोजना की शुरुआत प्रदेश के तीन जिलों में की गई है, जिसमें झाँसी जिले को भी चुना गया है। परियोजना के अंतर्गत लोगों को सहजन के फायदों और इसके उपयोग के बारे में जानकारी दी जा रही है।

झाँसी जिले के सभी विकास खण्डों में अभियान को गति देते हुए सहजन के वृक्षारोपण और उसके उपयोग से जुड़े नवाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है। विद्यालयों और सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। परियोजना के माध्यम से कुपोषण से जुड़े विषय पर जागरूकता बढ़ने से महिलाओं व किशोरियों का स्वास्थ्य बेहतर होगा। सहजन से जुड़ी जानकारी और सुझाव के लिए 9569703306 व्हाट्सएप हेल्पलाइन नम्बर जारी किया गया है। इस नंबर पर प्रश्न करने पर सटीक जानकारी उत्तर के रूप में प्राप्त की जा सकती है। झांसी मंडल में इस पहल के अंतर्गत निरंतर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। गणतंत्र दिवस पर सहजन पौधों का रोपण किया गया। झांसी में बुंदेलखंड लिटरेचर फेस्टिवल में सहजन पर आधारित विशेष व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन पिछले दिनों किया गया। आशाओं के साथ वर्चुअल संवाद किया गया है।

झांसी के मंडलायुक्त बिमल कुमार दुबे ने बताया कि अत्यधिक पौष्टिकता और औषधीय गुणों के कारण सहजन कई तरह की पोषण कमियों और बीमारियों से निपटने की क्षमता रखता है। एनीमिया जैसी सार्वजानिक स्वास्थ्य समस्या, जो कि महिलाओं, किशोरियों और बच्चों को प्रभावित करती है, जिसकी वजह से शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है और थकान, कमजोरी और अन्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं, इन सब से निपटने के लिये सहजन एक प्राकृतिक और प्रभावी समाधान साबित हो रहा है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मण्डलीय परियोजना प्रबंधक आनन्द चौबे ने बताया कि सिफ्सा द्वारा वित्त-पोषित इस परियोजना के तहत झाँसी जिले में प्रचार माध्यमों द्वारा सहजन के उपयोग के प्रति जागरूकता फैलाई जा रही है।विद्यालयों और सामाजिक संगठनों के साथ जागरूकता कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की गई है। जिले के सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों और 100 चिन्हित स्कूल तथा आंगनवाड़ी केन्द्रों पर सहजन के लाभों पर केंद्रित जानकारियों के प्रचार-प्रसार कार्यक्रमों की शुरुआत की गई है, जिससे किशोरियों और अन्य ग्रामीण जनता तक जानकारी पहुँचेगी। यह परियोजना एनीमिया से निपटने के लिये एक अभिनव पहल सिद्ध होगी।

एन.एच.एम. की पहल के अन्तर्गत नवविवाहित दम्पत्तियों को दी जाने वाली ‘शगुन किट’ में परिवार नियोजन सामग्री के साथ सहजन के फायदों की जानकारी वाला लीफलेट शामिल किया जाएगा, जिससे गर्भावस्था के दौरान सहजन के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा। सहजन का पेड़ लगाने और इसके उपयोग के लिए प्रोत्साहित करने के लिए जिला स्तर पर 50,000 रूपए की इनाम राशि घोषित की गयी है। किसी भी व्यक्ति, संस्था, आशा, आँगनबाड़ी द्वारा ब्लॉक स्तर पर लगाये गए पौधों की आगामी एक साल में सर्वाइवल रेट के अनुसार पहले, दूसरे और तीसरा स्थान पाने वालों को पुरस्कृत किया जाएगा। इस पहल से ग्राम पंचायत व स्कूल स्तर तक सहजन के पौधे लगाने का माहौल बनेगा। सहजन के प्रयोग से बनाये गए खाद्य पदार्थों, दवाइयों, कृषि उत्पादों आदि से जुड़े नवाचारों के लिए भी जिला स्तर पर पुरुस्कार प्रदान किया जाएगा।

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