नई दिल्ली, 26 नवम्बर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पुणे मेट्रो रेल परियोजना फेज-2 के दो महत्वपूर्ण कॉरिडोर—लाइन 4 (खराड़ी–हडपसर–स्वारगेट–खड़कवासला) और लाइन 4A (नल स्टॉप–वारजे–मानिक बाग) की आधिकारिक मंजूरी दे दी।
आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय के अनुसार, दोनों कॉरिडोर की कुल लंबाई 31.636 किमी होगी और इनमें 28 एलिवेटेड स्टेशन बनाए जाएंगे। परियोजना की अनुमानित लागत ₹9,857.85 करोड़ है। इसे पाँच वर्ष में पूरा किया जाएगा, जिसके लिए भारत सरकार, महाराष्ट्र सरकार और बाहरी वित्तीय एजेंसियां संयुक्त रूप से निवेश करेंगी।
इंटरचेंज पॉइंट और भविष्य की कनेक्टिविटी
लाइन 4 और 4A को पुणे की कम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान (CMP) के अनुरूप तैयार किया गया है। विभिन्न प्रमुख स्थानों पर इंटरचेंज की सुविधा होगी—
- स्वारगेट (लाइन 1 से कनेक्ट)
- नाल स्टॉप (लाइन 2 से कनेक्ट)
- खराड़ी बाइपास
- हडपसर रेलवे स्टेशन, जिसे आगे लोनी कालभोर और ससवड रोड की भविष्य की लाइनों से जोड़ा जाएगा।
ट्रैफिक दबाव कम करेगा नया मेट्रो नेटवर्क
यह मेट्रो नेटवर्क आईटी पार्क, औद्योगिक क्षेत्रों, शिक्षण संस्थानों, व्यावसायिक हब और घनी आबादी वाले इलाकों को जोड़ेगा। इससे सोलापुर रोड, मगरपट्टा रोड, सिंहगद रोड, करवे रोड और मुंबई–बेंगलुरु हाईवे पर ट्रैफिक भार में कमी आएगी। यह एक सुरक्षित, पर्यावरण-अनुकूल और टिकाऊ सार्वजनिक परिवहन विकल्प प्रदान करेगा।
यात्रियों की संख्या में तेज वृद्धि का अनुमान
दोनों लाइनों पर दैनिक यात्रियों की संख्या अगले दशकों में अनेक गुना बढ़ने का अनुमान है—
- 2028: 4.09 लाख
- 2038: 7 लाख
- 2048: 9.63 लाख
- 2058: 11.70 लाख+
सिर्फ लाइन 4 पर ही 2028 में 3.23 लाख से 2058 में 9.33 लाख यात्रियों के सफर करने की उम्मीद है।
क्रियान्वयन एजेंसी
परियोजना का निर्माण कार्य महाराष्ट्र मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (MAHA-Metro) द्वारा किया जाएगा। सर्वे और डिजाइन सहित पूर्व-निर्माण गतिविधियां शुरू हो चुकी हैं। इस मंजूरी से पुणे मेट्रो नेटवर्क 100 किमी के लक्ष्य के और करीब पहुंच गया है।




