सोची (रूस), 3 अक्टूबर।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि रूस और भारत हमेशा एक-दूसरे की संवेदनशीलताओं का सम्मान करते आए हैं और दोनों देशों के बीच कभी तनाव नहीं रहा। उन्होंने अपनी सरकार को भारत-रूस के व्यापार असंतुलन को कम करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए।
पुतिन ने अमेरिकी दबावों के बावजूद भारत द्वारा रूस से तेल खरीद जारी रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत ने अपनी संप्रभुता और आर्थिक स्वतंत्रता को बनाए रखा है।
रूसी राष्ट्रपति ने यह टिप्पणी दक्षिण रूस के सोची स्थित काला सागर रिसॉर्ट में आयोजित वलदाई डिस्कशन क्लब के पूर्ण अधिवेशन में की, जिसमें भारत सहित 140 देशों के सुरक्षा और भू-राजनीतिक विशेषज्ञ शामिल थे।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में दोनों देशों के बीच लगभग 63 अरब डॉलर का व्यापार है, जबकि रूस का बेलारूस के साथ व्यापार 50 अरब डॉलर है। यह स्पष्ट है कि दोनों देशों के संभावित अवसरों के अनुरूप व्यापार का स्तर पर्याप्त नहीं है। पुतिन ने रूस को भारत से और अधिक कृषि उत्पाद और औषधीय सामग्री खरीदने की संभावनाओं पर भी जोर दिया।
उन्होंने रूसी सरकार को निर्देश दिए कि वह भारतीय समकक्षों के साथ मिलकर व्यापार असंतुलन कम करने और सहयोग के सर्वोत्तम क्षेत्रों की पहचान करने के लिए रणनीति तैयार करे।
पुतिन ने कहा कि दोनों देशों को सभी उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाने के लिए बाधाओं को दूर करना होगा और आर्थिक सहयोग के लिए नई दिशा तय करनी होगी।
इस अवसर पर पुतिन का यह बयान, दिसंबर में प्रस्तावित भारत दौरे से पहले महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जो भारत-रूस संबंधों और व्यापारिक साझेदारी को और मजबूत कर सकता है।