Sat, Jun 21, 2025
28.5 C
Gurgaon

संकटकाल में शत्रु को लाभ पहुंचाने वाले सवाल

लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था की सबसे बड़ी खूबसूरती है कि इसमें विपक्ष के साथ-साथ देश के प्रत्येक नागरिक को सरकार से सवाल पूछने का अधिकार प्राप्त होता है। लेकिन कोई भी राष्ट्र तभी मजबूती से आगे बढ़ सकता है जब इस अधिकार का प्रयोग जिम्मेदारी के साथ किया जाए। बीते कुछ दिनों में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर ‘हमारे कितने विमान गिरे’ जैसे अवांछित सवाल पूछे हैं। उनके सवालों को पाकिस्तान, भारत के खिलाफ हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है। इसके अलावा कई मीडिया संस्थानों की गैरजिम्मेदाराना रिपोर्टिंग और सोशल मीडिया में सक्रिय बुद्धिजीवियों ने लोगों के मन में सवाल पैदा कर दिया है कि क्या सरकार ने विदेशी ताकतों के दवाब में आकर हड़बड़ी में सीज फायर का फैसला लिया? इस सवाल का सीधा सा जवाब इस बातों में छुपा है कि ऑपरेशन सिंदूर क्यों शुरू किया गया? भारत उन लक्ष्यों को किस हद तक प्राप्त करने में सफल रहा?

बीती 22अप्रैल को पाकिस्तान परस्त आतंकवादियों ने 26 हिन्दू पर्यटकों को धर्म पूछ कर मार डाला। आतंकवादियों की इस करतूत के बाद पूरा देश आक्रोशित था। सब चाहते थे कि पाकिस्तान को इसका सबक सिखाया जाए। इसके बाद सबसे पहले हमारी सरकार ने सिंधु जल संधि को स्थगित करके पाकिस्तान के सामने बड़ा संकट खड़ा कर दिया। फिर ऑपरेशन सिंदूर के तहत सात मई को पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। सैन्य कार्रवाई में जिन नौ ठिकानों को नष्ट किया गया उनमें जैश ए मोहम्मद का बहावलपुर स्थित मुख्यालय भी शामिल है। ऑपरेशन सिंदूर की आतंक के आकाओं को इतनी गहरी चोट लगी कि जैश ए मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर फूट-फूट कर रोने लगा।

ऑपरेशन सिंदूर के तहत महज 25 मिनट में नौ आंतकवादी ठिकानों को नष्ट करके 100 से ज्यादा दहशतगर्दों को उनके अंजाम तक पहुंचाने के बाद हमारे सैन्य अधिकारियों ने साफ कर दिया था कि भारत ने जो कार्रवाई की है वह सिर्फ आतंकवादियों के खिलाफ थी। यह न तो पाकिस्तान के आम नागरिकों के खिलाफ थी और न ही पाकिस्तानी सेना के खिलाफ। उन्होंने साफ किया कि अगर पाकिस्तान की ओर से किसी भी तरह का दुस्साहस करने का प्रयास किया गया तो भारत उसका समुचित जवाब देगा।

आतंकियों के खिलाफ की गई कार्रवाई से बौखलाए पाकिस्तान ने चीन और दूसरे देशों प्राप्त हथियारों के दम पर ड्रोन, मिसाइल और लड़ाकू विमानों के जरिए भारत पर हमला करने की कोशिश की लेकिन हमारी सेना ने वायु रक्षा प्रणाली और उन्नत तकनीकी से उन कोशिशों को नाकाम कर दिया। हालांकि इसके जवाब में भारत की ओर से की गई कार्रवाई में पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली ध्वस्त हो गई। उसके अधिकांश हवाई अड्डे निष्प्रयोज्य कर दिए गए। भारत की प्रतिक्रिया इतनी तीखी होगी इसकी कल्पना शायद पाकिस्तान के आकाओं को भी नहीं थी। जो पश्चिमी मीडिया भारत के खिलाफ लगातार झूठे विमर्श गढ़ रहा था उसे भी सैटेलाइट से प्राप्त तस्वीरों के आधार पर यह स्वीकार करना पड़ा कि भारत ने पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली को ध्वस्त कर उसके सैन्य हवाई अड्डों को भारी नुकसान पहुंचाया है।

पहलगांव में हिन्दू पर्यटकों की धर्म पूछकर हत्या सिर्फ हिन्दू मुसलमानों के बीच की खाई को चौड़ा करने के इकलौते उद्देश्य के लिए नहीं की गई बल्कि इसके पीछे का एक और बड़ा लक्ष्य भारत की बढ़ती आर्थिक शक्ति की राह में रोड़े उत्पन्न करना भी था। रूस-यूक्रेन और इजराइल-हमास यु़द्ध के अनुभव के आधार पर भारत विरोधी ताकतें उसे पाकिस्तान के साथ लम्बे युद्ध में फंसाना चाहती थीं जिससे उसकी आर्थिक प्रगति को बाधित किया जा सके। लेकिन भारतीय रणनीतिक सूझबूझ, सैन्य कुशलता और कूटनीतिक तैयारियों ने इन ताकतों के मंसूबों पर पानी फेर दिया। इसीलिए अब भ्रम फैलाने के लिए वे अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। जिन लक्ष्यों को लेकर ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था प्रथम दृष्टया, उससे अधिक सफलता प्राप्त की जा चुकी है।

ऑपरेशन सिंदूर का प्रमुख उद्देश्य नरसंहार के दोषियों और पाकिस्तान में बैठे उनके आकाओं को सबक सिखाना था जो सात मई को पाकिस्तान और पीओजेके में मौजूद आतंकवादी अड्डों को नष्ट करके पूरा कर दिया गया। इसके बाद पाकिस्तान में जिस तरह भारत पर हमला किया उसके जवाब में तीनों भारतीय सेनाओं ने अपने अदम्य पराक्रम को प्रदर्शन करके तीन दिनों के भीतर ही पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया।

भारतीय सेना के पराक्रम, युद्ध कौशल और सटीक रणनीति ने पाकिस्तान और उसे हथियार मुहैया कराने वाले चीन और दूसरे देशों के पसीने छुड़ा दिए। जो देश भारत को लम्बे युद्ध में फंसाकर उसकी आर्थिक प्रगति को बाधित करने का ख्वाव संजोए बैठे थे, अपने विमानों, मिसाइलों और ड्रोनो के लगातार ध्वस्त होने से उसकी चिंता बढ़ गई। खबर है कि भारतीय सेना ने तुर्किये के ड्रोन, चीनी वायु रक्षा प्रणाली एसक्यू 9, चीनी विमान जेएफ 17 और अमरीकी विमान जे 16 समेत कई उन्नत मिसाइलों को मार गिराया। चीन अपनी पीएल 15 मिसाइल को दुनिया की सबसे आधुनिक मिसाइल बता रहा था इसे भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने मार गिराया और इसका मलबा भारत के पास सुरक्षित है। इसके बाद दुनिया के हथियार बाजार में साख गिरने के डर से चीन और अमेरिका जैसे देशों में हडकम्प मचा हुआ है।

जानकारों का कहना है कि भारत की बढ़ती ताकत को देखकर ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन के साथ ट्रेड वार को स्थगित कर दिया। भारतीय रक्षा प्रणाली और मिसाइलों के आगे चीन और अमेरिकी हथियारों की विफलता ने दुनिया के सबसे बड़े हथियार बाजार को एक नया खिलाड़ी दे दिया है। माना जा रहा है कि आने वाले समय में रक्षा उपकरणों के बाजार में भारत की साख बढ़ेगी, उसकी आर्थिक प्रगति की गति भी तेज होने की उम्मीद है। चीन और दूसरे सहयोगी देशों की हालत देख पाकिस्तान के डीजीएमओ ने घुटनों पर आकर 10मई की दोपहर साढ़े तीन बजे भारत के डीजीएमओ से फोन पर बात कर सीज फायर की गुहार की जिसके बाद लगभग पांच बजे से सीज फायर की घोषणा कर दी गई।

किसी भी सैन्य अभियान की सफलता में सैन्य कुशलता और उन्नत तकनीकी के साथ सटीक रणनीति का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान होता है। शत्रु को हतप्रभ करते हुए हमला करना, उसे घुटनों पर लाकर न्यूनतम हानि के साथ अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर बाहर निकलना किसी भी सामरिक अभियान की सफलता का मूल आधार है, जिसे प्राप्त करने में ऑपरेशन सिंदूर पूरी तरह सफल रहा। हालांकि कुछ मीडिया संस्थानों की गैरजिम्मेदाराना खबरों और विश्लेषणों से कुछ लोगों को लगने लगा था कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के चार टुकड़े हो जाएंगे और पीओजेके भारत में शामिल हो जाएगा। जबकि इस अभियान का ऐसा कोई लक्ष्य था ही नहीं।

देश के आम लोगों की इसी भावना को भड़काने के लिए राहुल गांधी और कुछ दूसरे नेता तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर विदेशमंत्री एस जयशंकर पर ‘मुखबिरी’ करने जैसे गंभीर आरोप लगा रहे हैं। वे न तो सरकार की सुनने को तैयार हैं और न ही सेना के अधिकारियों की। सवाल पूछने के लोकतांत्रिक अधिकार की आड़ में वे पश्चिमी मीडिया के भारत विरोधी एजेंडा के तहत लिखे जा रहे समाचारों और भारत विरोधी नेताओं के पाकिस्तान परस्त उन बयानों को तूल देने में जुटे हैं जो भारतीय सैन्य बलों और देश की जनता का मनोबल तोड़ सकते हैं।

Hot this week

Ratan Tata ने अपनी वसीयत में पेटडॉग का भी रखा ध्यान, जानिए अब कौन करेगा Tito की देखभाल

 हाल ही में देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने...

गंगा नदी के हालात का आकलन करने के लिए पर्यावरणविदों का विशेष अभियान

कोलकाता, 25 जनवरी (हि.स.)कोलकाता की एक पर्यावरण संस्था ‘मॉर्निंग...
spot_img

Related Articles

Popular Categories