बलरामपुर: प्रकृति की गोद में नए साल का जश्न, रामानुजगंज का पलटन घाट सैलानियों की पहली पसंद
बलरामपुर। दिसंबर का आधा महीना बीत चुका है और नए साल के आगमन में अब कुछ ही दिन शेष हैं। जैसे-जैसे जनवरी नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे पिकनिक और सैर-सपाटे की तैयारियां भी तेज हो गई हैं। उत्तर छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले की सीमा पर स्थित रामानुजगंज का पलटन घाट हर साल नए साल के जश्न का प्रमुख केंद्र बनकर उभरता है।
प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर पलटन घाट
रामानुजगंज स्थित पलटन घाट अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए जाना जाता है। यहां बहती कन्हर नदी घाट को जीवंत बनाती है। नदी के दोनों किनारों पर फैली रंग-बिरंगी चट्टानें और चौड़ा रेतीला मैदान सैलानियों को आकर्षित करता है। यही कारण है कि हर साल 1 जनवरी को यहां छत्तीसगढ़ के साथ-साथ झारखंड से भी हजारों पर्यटक पहुंचते हैं।
पिकनिक और मौज-मस्ती का प्रमुख केंद्र
नए साल की सुबह से ही परिवार, दोस्त और रिश्तेदारों के साथ लोग पलटन घाट पहुंचने लगते हैं। कोई नदी किनारे बैठकर प्रकृति का आनंद लेता है, तो कोई रेतीली जमीन पर चूल्हा जलाकर पिकनिक मनाता है। बच्चे रेत और पानी में खेलते नजर आते हैं, जबकि युवा वर्ग फोटो और वीडियो बनाकर यादें संजोता है। एक जनवरी को यह घाट किसी मेले जैसा दृश्य प्रस्तुत करता है।
सावधानी बेहद जरूरी
हालांकि पलटन घाट जितना खूबसूरत है, उतना ही सतर्कता की मांग भी करता है। कन्हर नदी का जलस्तर कई स्थानों पर अचानक गहरा हो जाता है, जिसका अंदाजा बाहर से नहीं लग पाता। बीते वर्षों में नहाने के दौरान डूबने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिससे प्रशासन और स्थानीय लोग चिंतित रहते हैं।
स्थानीय समाजसेवी विकास दुबे बताते हैं,
“पलटन घाट हमारे क्षेत्र की पहचान है। इसकी खूबसूरती लोगों को आकर्षित करती है, लेकिन नदी के कुछ हिस्से बेहद खतरनाक हैं। बाहर से पानी कम लगता है, जबकि भीतर गहराई ज्यादा होती है। लोग आएं, आनंद लें, लेकिन पूरी सावधानी बरतें।”
प्रशासन और ग्रामीणों की अपील
स्थानीय प्रशासन और ग्रामीणों का मानना है कि यदि सैलानी सतर्क रहें, बच्चों पर विशेष नजर रखें और अनावश्यक रूप से गहरे पानी में न उतरें, तो किसी भी तरह की अनहोनी से बचा जा सकता है। घाट पर चेतावनी बोर्ड और जागरूकता अभियान की भी आवश्यकता महसूस की जा रही है।
नया साल, नई शुरुआत
कुल मिलाकर, रामानुजगंज का पलटन घाट नए साल के स्वागत के लिए एक बेहतरीन और यादगार स्थल है। प्रकृति की गोद में बिताए गए ये पल साल की शानदार शुरुआत बन सकते हैं—बस जरूरी है कि इस खूबसूरती के साथ समझदारी और सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी जाए।




