रामगढ़, 12 दिसंबर (हि.स.)। रामगढ़ छावनी परिषद क्षेत्र में हुए सोनू कुमार राम हत्याकांड में शुक्रवार को बड़ा खुलासा हुआ। धंधार पोखर के दलदल में जलकुंभी के बीच से पुलिस को उसकी खोपड़ी मिली। जांच में खोपड़ी के पीछे गोली का स्पष्ट निशान मिला, जिससे यह पुष्टि हुई कि सोनू की हत्या बेहद योजनाबद्ध तरीके से की गई थी।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, गोली इतनी नजदीक से चलाई गई कि निशान साफ दिखाई देता है। जांच में यह भी सामने आया है कि सोनू को घुटनों के बल बिठाकर सिर के पीछे गोली मारी गई ताकि उसके बचने की कोई संभावना न रहे।
हत्या महीनों पहले की गई थी, शव के कई टुकड़ों से खुला राज
खोपड़ी की हालत और बचे हुए अवशेषों से स्पष्ट हुआ कि हत्या महीनों पहले की गई थी। शरीर के टुकड़े जिले के कई हिस्सों में बिखरे मिले—एक कुएँ से उसके हाथ, जबकि अन्य स्थानों से अलग-अलग हड्डियाँ बरामद की गईं।
यह साफ संकेत है कि हत्यारे ने सबूत मिटाने के लिए शव को छोटे-छोटे हिस्सों में काटकर अलग-अलग जगह फेंका।
मुख्य आरोपी रंजीत उर्फ़ नाना भाई से खुली गुत्थी
पुलिस को जांच में पता चला कि सोनू लंबे समय से शिबू कॉलोनी नेहरू रोड के रंजीत सिंह उर्फ़ नाना भाई के संपर्क में था। रंजीत की गिरफ्तारी के बाद मामले की गुत्थी खुलनी शुरू हुई, और उसी की निशानदेही पर पुलिस को खोपड़ी सहित अन्य अवशेष मिले।
पुलिस ने बताया कि हत्यारा बेहद शातिर तरीके से महीनों तक शव के ठिकानों को छुपाकर चलता रहा। लेकिन वैज्ञानिक जांच और लगातार दबाव के बाद पूरा मामला उजागर हो गया।




