🎉 राजधानी रांची सहित पूरे राज्य में 16 अगस्त को धूमधाम से मनाई जाएगी श्री कृष्ण जन्माष्टमी
रांची, 16 अगस्त (हि.स.)। झारखंड की राजधानी रांची सहित राज्य के अन्य हिस्सों में भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर 16 अगस्त, शनिवार को भगवान श्रीकृष्ण का 5252वां जन्मोत्सव बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा। इस अवसर पर मंदिरों और विभिन्न स्थानों पर मटका फोड़ प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाएगा, जिसकी तैयारियां जोरों पर हैं।
शुभ मुहूर्त और विशेष योग
आचार्य मनोज पांडेय ने बताया कि इस बार जन्माष्टमी पर सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग का शुभ संयोग बन रहा है, जो इस दिन की महत्ता को और बढ़ाता है। अष्टमी तिथि 15 अगस्त रात 11:49 बजे प्रारंभ होकर 16 अगस्त रात 9:34 बजे समाप्त होगी।
मुख्य मुहूर्त निम्नानुसार हैं:
- ब्रह्म मुहूर्त: 4:24 बजे से 5:07 बजे तक
- अभिजित मुहूर्त: 11:59 बजे से 12:51 बजे तक
- विजय मुहूर्त: 2:37 बजे से 3:29 बजे तक
- गोधूलि मुहूर्त: 6:59 बजे से 7:21 बजे तक
व्रत के प्रकार और नियम
- निर्जला व्रत: इस व्रत में एक बूंद जल भी नहीं लिया जाता।
- फलाहार व्रत: फल, दूध, मेवे और उपयुक्त व्रत के व्यंजन खाए जाते हैं।
- आंशिक व्रत: अनाज और सामान्य नमक से परहेज करते हुए एक बार भोजन किया जाता है।
व्रत के दौरान गेहूं, चावल, दाल आदि का सेवन नहीं किया जाता। तामसिक खाद्य पदार्थ जैसे लहसुन और प्याज से बचना चाहिए। साथ ही साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखते हुए पूजा स्थल और वस्त्र भी स्वच्छ होने चाहिए।
जन्माष्टमी का आध्यात्मिक महत्व
आचार्य मनोज पांडेय ने बताया कि जन्माष्टमी केवल उपवास का दिन नहीं, बल्कि यह भक्ति, आत्म-संयम और आंतरिक शुद्धि का पर्व है। यह दिन भगवान विष्णु के श्रीकृष्ण रूप में अवतार लेने का उत्सव है जो हमें जीवन में सकारात्मकता और आध्यात्मिक उन्नति की प्रेरणा देता है।