📍 नई दिल्ली, 06 जून (हि.स.) — भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए देश की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर का अनुमान 6.5% पर यथावत बनाए रखा है। यह अनुमान पूर्ववर्ती वर्ष 2024-25 के 6.5% के विकास आंकड़े के अनुरूप है।
🔔 क्या कहा आरबीआई गवर्नर ने?
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने तीन दिवसीय द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद यह जानकारी साझा की।
उन्होंने कहा:
“वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूती, स्थिरता और अवसर का प्रतीक बनी हुई है। इसलिए जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 6.5% पर बरकरार रखा गया है।”
📊 तिमाही आधार पर जीडीपी वृद्धि दर अनुमान (2025-26):
तिमाही | अनुमानित वृद्धि दर |
---|---|
Q1 (अप्रैल-जून) | 6.5% |
Q2 (जुलाई-सितंबर) | 6.7% |
Q3 (अक्टूबर-दिसंबर) | 6.6% |
Q4 (जनवरी-मार्च) | 6.4% |
➡️ यह रुझान दर्शाता है कि अर्थव्यवस्था पूरे वर्ष स्थिर गति से आगे बढ़ेगी, हालांकि अंतिम तिमाही में थोड़ी नरमी संभावित है।
💸 रेपो रेट और मुद्रास्फीति पर फैसले:
- रेपो रेट में 0.50% की कटौती कर इसे 5.50% किया गया।
➤ उद्देश्य: कर्ज को सस्ता बनाकर निवेश और खपत को प्रोत्साहन देना। - खुदरा मुद्रास्फीति (CPI) अनुमान को घटाकर 3.7% कर दिया गया है, जो पहले 4% था।
➤ संकेत: महंगाई में कमी और नियंत्रण की दिशा में प्रगति।
📌 महत्वपूर्ण निष्कर्ष:
- जीडीपी विकास दर स्थिर और संतुलित बनी हुई है।
- वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच भी भारत का प्रदर्शन सकारात्मक और भरोसेमंद है।
- आरबीआई का रुख विकासोन्मुखी बना हुआ है, जबकि मुद्रास्फीति पर भी नियंत्रण बरकरार है।
👉 यह अनुमान नीति निर्माताओं और निवेशकों दोनों के लिए आत्मविश्वास बढ़ाने वाला है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था की दीर्घकालिक मजबूती की ओर इशारा करता है।