📍 नई दिल्ली, 6 जून (हि.स.)
आरबीआई ने महंगाई दर में नरमी और आर्थिक गति को बनाए रखने के लिए नीतिगत ब्याज दर (रेपो रेट) को 0.50 प्रतिशत घटाकर 5.50 प्रतिशत कर दिया है। यह फैसला द्वैमासिक मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक के बाद रिजर्व बैंक गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मुंबई में घोषित किया।
🔶 क्या हुआ आज?
आरबीआई ने रेपो रेट में 0.50 फीसदी की कटौती की, जो इस वित्त वर्ष में तीसरी बार है। इससे होम लोन, कार लोन सहित अन्य कर्जों की ईएमआई कम होने की उम्मीद है, बशर्ते बैंक अपनी ब्याज दरें कम करें।
🔍 आर्थिक संकेत
गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि वित्त वर्ष 2025-26 में जीडीपी वृद्धि दर 6.50% रहने का अनुमान है, जिसमें हर तिमाही में स्थिरता बनी रहेगी। यह कदम घरेलू अर्थव्यवस्था को और मजबूती देने के उद्देश्य से उठाया गया है।
🛑 पहले के रुख की तुलना
इस वर्ष फरवरी और अप्रैल में भी आरबीआई ने दो बार 0.25-0.25 प्रतिशत कटौती की थी, जिसके बाद रेपो रेट 6 फीसदी तक आ गया था। अब 5.50 फीसदी पर आ गया है।
💡 प्रभाव और उम्मीदें
इस ब्याज दर कटौती से कर्ज लेना सस्ता होगा और उपभोक्ता खर्च बढ़ सकता है, जिससे आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होगी। हालांकि, इसके लिए बैंकों का ब्याज दर घटाने का फैसला अहम होगा।
📌 निष्कर्ष:
आरबीआई की यह महत्वपूर्ण कदम महंगाई नियंत्रण के बीच आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने की दिशा में लिया गया है। इससे वित्तीय बाजारों और आम जनता दोनों को राहत मिलने की उम्मीद है।