हिंदू धर्म में छोटी दीवाली का त्योहार बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। इसे नरक चतुर्दशी या काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है। पंचांग के आधार पर इस साल छोटी दिवाली 30 अक्टूबर, 2024 को मनाई जाएगी, जो पांच दिवसीय दिवाली त्योहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह दिन (Choti Diwali 2024) बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, क्योंकि इसी दिन भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर पर विजय प्राप्त की थी।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां काली का एक ऐसा मंदिर (Bhadrakali Temple Chhatarpur) है, जहां छोटी दीवाली पर दर्शन मात्र से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। साथ ही उन्हें देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है, तो आइए इस देवी पीठ के बारे में जानते हैं।
मां हर रोज कर्ण को देती थीं सोने-चांदी (Bhadrakali Temple)
दरअसल, हम छतरपुर जिले के बदौराकलां गांव के प्राचीन मंदिर की बात कर रहे हैं, जहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ हर रोज उमड़ती है। इस धाम में भक्त सभी तीज-त्योहार में पूजा-पाठ करने आते हैं। यह धाम देवी के 52 शक्तिपीठों में से एक है। यहां के लोगों का कहना है कि मां भद्रकाली दानवीर कर्ण को खूब सारा सोना-चांदी हर रोज प्रदान करती थीं, जिसे वह जरूरतमंदों को दान में दे दिया करते थे।
वहीं, इस स्थल की एक और बात है, जो देवी भक्तों को हैरान करती है। यहां एक ऐसी चमत्कारी चट्टान है, जो हर रोज बढ़ रही है और काफी बड़ी हो गई है, जबकि ये पहले छोटी हुआ करती थी।
पूर्ण होती हैं सभी इच्छाएं
इस देवी धाम में नवरात्र उत्सव, कार्तिक पूर्णिमा और वैशाखी पूर्णिमा के मौके पर भव्य मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें दूर-दूर से देवी भक्त दर्शन की अभिलाषा लेकर आते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो लोग इस मंदिर में मां को लाल गुड़हल, लाल चुनरी और नारियल अर्पित करते हैं, उन्हें उनका पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है।