कोलकाता, 21 जनवरी (हि.स.) । आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज की डॉक्टर-छात्रा से बलात्कार और हत्या के मामले में दोषी पाए गए संजय राय को सियालदह अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई। हालांकि, इस मामले में पुलिस और अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी अदालत ने गंभीर सवाल उठाए।
जज अनिर्वाण दास ने अपने फैसले में लिखा कि घटना की एफआईआर दर्ज करते समय पुलिस ने कई खामियां छोड़ीं। टाला थाने के सब-इंस्पेक्टर सुब्रत चटर्जी ने नियमों का उल्लंघन किया।
फैसले में जज ने कहा कि घटना वाले दिन, नौ अगस्त 2024 को, एसआई सुब्रत ने दोपहर तीन बजे ड्यूटी जॉइन की। इसके बाद उन्हें आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में हुई घटना की सूचना मिली। हालांकि, एफआईआर दर्ज करने में देरी की गई। रात 11:45 बजे एफआईआर दर्ज की गई, लेकिन उसमें सुबह 10:10 बजे का समय लिखा गया, जब एसआई ड्यूटी पर मौजूद ही नहीं थे। जज ने इसे ‘अवैध’ करार देते हुए लिखा, “एसआई ने अदालत में खड़े होकर अपने अवैध कामों की बात मानी, जिसे सुनकर हैरानी होती है।” इस फैसले की कॉपी को रात कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड की गई है, जिससे ये सारी चीजें सामने आई हैं।