रिजिजू ने प्रधानमंत्री पर टिप्पणी के लिए खरगे और राहुल से संसद में माफी की मांग की
नई दिल्ली, 15 दिसंबर। दिल्ली के रामलीला मैदान में रविवार को आयोजित कांग्रेस की ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ रैली को लेकर सियासी विवाद तेज हो गया है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में रैली के दौरान कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक नारे लगाए जाने का आरोप है। इस मामले को लेकर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
सोमवार को नई दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से संसद में देश और प्रधानमंत्री से माफी मांगने की अपील की। उन्होंने कहा कि खरगे राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं और राहुल गांधी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष, ऐसे में लोकतांत्रिक मर्यादाओं का पालन करना उनकी जिम्मेदारी है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्हें कांग्रेस की राजनीतिक विचारधारा से कोई आपत्ति नहीं है और विपक्ष को आलोचना का पूरा अधिकार है, लेकिन प्रधानमंत्री के खिलाफ इस तरह की भाषा का इस्तेमाल भारतीय लोकतंत्र की गरिमा के अनुरूप नहीं है। रिजिजू ने कहा कि राजनीतिक दल एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी हो सकते हैं, लेकिन दुश्मन नहीं। सभी को देश के विकास और वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य के लिए काम करना चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री के खिलाफ जान से मारने या कब्र खोदने जैसे नारे लोकतांत्रिक संवाद की सीमाओं का उल्लंघन हैं। रिजिजू ने यह भी कहा कि भाजपा और एनडीए ने कभी राजनीतिक विरोध में इस तरह की भाषा या हिंसक संकेतों का प्रयोग नहीं किया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संसद का सत्र चल रहा है और ऐसे में कांग्रेस नेतृत्व को सदन में आकर सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि राजनीतिक मतभेद अपनी जगह हैं, लेकिन लोकतंत्र की मर्यादा और सम्मान सभी दलों के लिए समान रूप से जरूरी है।




