नई दिल्ली, 04 मार्च (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना में बीआरएस छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले विधायकों की अयोग्यता पर जल्द फैसला करने की मांग पर सुनवाई करते हुए तेलंगाना विधानसभा के स्पीकर, तेलंगाना सरकार, निर्वाचन आयोग और संबंधित विधायकों को नोटिस जारी किया है। जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 25 मार्च को करने का आदेश दिया।
बीआरएस पार्टी की याचिका में कहा गया है कि बीआरएस के टिकट पर 2023 के विधानसभा चुनाव लड़ने वाले 10 विधायक बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इस संबंध में दायर अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला लेने में तेलंगाना विधानसभा के स्पीकर काफी देरी कर रहे हैं। सुनवाई के दौरान दस फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि लोकतंत्र में पार्टियों के अधिकार को खत्म नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने राज्य विधानसभा के स्पीकर से कहा था कि वे एक निर्धारित समय सीमा में अयोग्यता के लिए दायर अर्जियों पर फैसला करें।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि हम लोकतंत्र के दो दूसरे स्तंभों का सम्मान करते हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि संसद के कानून का मकसद ही कामयाब नहीं हो। कोर्ट ने स्पीकर को निर्देश दिया था कि वो ये बताएं कि वे कब तक इन अर्जियों पर फैसला करेंगे। कोर्ट ने विधानसभा स्पीकर की ओर से पेश वकील से पूछा कि आप इस पर भी निर्देश लेकर आएं कि क्या उचित समय का मतलब विधानसभा का सत्र समाप्ति तक तो नहीं है। इस मामले में तेलंगाना हाई कोर्ट ने विधानसभा के स्पीकर को निर्देश दिया था कि वे विधायकों की अयोग्यता के मामले पर जल्द फैसला लें।