शालबनी में जमीन के नीचे मिले कारतूस, इलाके में दहशत
पश्चिम मेदिनीपुर। जिले के शालबनी ब्लॉक में उस समय सनसनी फैल गई, जब शालबनी में कारतूस मिले। यह घटना काशीजोड़ा ग्राम पंचायत के अंतर्गत अजनाशुली गांव की है, जहां सोमवार सुबह चूहा पकड़ने के लिए खेत की मिट्टी खोदी जा रही थी। खुदाई के दौरान अचानक जमीन के नीचे से कारतूस निकल आए।
खेत में खुदाई के दौरान हुआ खुलासा
स्थानीय लोगों के अनुसार, खेत में सामान्य रूप से मिट्टी खोदी जा रही थी, तभी कुछ कारतूस दिखाई दिए। यह देखकर ग्रामीण घबरा गए और तुरंत पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही शालबनी थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और कारतूसों को अपने कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी।
कहां से आए कारतूस, बड़ा सवाल
अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि ये कारतूस कितने पुराने हैं और किस उद्देश्य से जमीन के नीचे छिपाए गए थे। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि कहीं यह मामला अवैध हथियारों या किसी पुराने नक्सली गतिविधि से तो जुड़ा नहीं है।
माओवादी इतिहास से जुड़ा है शालबनी
गौरतलब है कि शालबनी क्षेत्र लंबे समय तक माओवादियों का गढ़ रहा है। इसी इलाके में वर्षों पहले पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के काफिले पर लैंडमाइन हमला हुआ था। ऐसे में शालबनी में कारतूस मिले की घटना को सुरक्षा एजेंसियां बेहद गंभीरता से देख रही हैं।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप शुरू
इस घटना को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। माकपा के जिला सचिव विजय पाल ने तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि माओवादियों से किसका समझौता था, यह सभी जानते हैं। उन्होंने इस घटना की जिम्मेदारी भी तृणमूल पर डालने की कोशिश की।
पुलिस जांच जारी
फिलहाल पुलिस कारतूसों की संख्या, उनकी किस्म और संभावित स्रोत की जांच कर रही है। इलाके में सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।




