क्या हुआ? (The Sanjay Gaikwad Slapping Incident)
9 जुलाई 2025 को, शिवसेना (शिंदे गुट) के बुलढाणा से विधायक संजय गायकवाड़ ने मुंबई के आकाशवाणी एमएलए हॉस्टल की कैंटीन में एक कर्मचारी को थप्पड़ मार दिया। यह घटना तब हुई जब गायकवाड़ को दाल की गुणवत्ता खराब लगी।
- विवरण:
- गायकवाड़ ने कर्मचारी को पहले दाल सूंघाई, फिर बहस के बाद थप्पड़ और घूंसा मारा।
- यह घटना कैमरे में रिकॉर्ड हुई और सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।
- गायकवाड़ ने कोई माफी नहीं मांगी, कहा: “मैं 30 साल से कैंटीन आ रहा हूँ। कई बार शिकायत की, लेकिन खाना सड़ा हुआ था। जनप्रतिनिधि के तौर पर मुझे अपनी स्टाइल में बात करनी पड़ी।”
- संदर्भ:
- घटना महाराष्ट्र विधानसभा सत्र के दौरान हुई, जिसने राजनीतिक हलकों में हंगामा मचा दिया।
- X पर यूजर्स ने इसे “गुंडागर्दी” और “अहंकार” करार दिया, कुछ ने इसे मराठी भाषा विवाद से जोड़ा।
क्या गायकवाड़ का यह व्यवहार उनकी जनप्रतिनिधि छवि को नुकसान पहुंचाएगा?
फडणवीस की कड़ी प्रतिक्रिया (Fadnavis’ Strong Reaction)
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना की कड़ी निंदा की और इसे “शर्मनाक” बताया।
- फडणवीस का बयान:
- विधान परिषद में फडणवीस ने कहा: “यह व्यवहार अस्वीकार्य है। संजय गायकवाड़ ने सभी विधायकों की गरिमा को मिट्टी में मिला दिया। कानून और लोकतंत्र में हिंसा की कोई जगह नहीं।”
- उन्होंने विधानसभा स्पीकर और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे से गायकवाड़ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
- फडणवीस ने इसे मराठी भाषा विवाद से जोड़ने की कोशिशों को खारिज किया, कहा: “मराठी के नाम पर गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं होगी।”
- प्रभाव:
- फडणवीस की प्रतिक्रिया ने गायकवाड़ और शिंदे गुट पर दबाव बढ़ाया।
- विपक्ष (NCP, कांग्रेस) ने इसे शिंदे गुट की “गुंडागर्दी” करार देते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की।
क्या फडणवीस की सख्ती शिंदे गुट को कंट्रोल करने की रणनीति है?
एकनाथ शिंदे की शर्मिंदगी (Eknath Shinde’s Embarrassment)
डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे की इस मामले में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई, लेकिन X पर दावा किया गया कि उनका “चेहरा शर्म से लाल हो गया।”
- शिंदे की स्थिति:
- गायकवाड़ शिंदे गुट के विधायक हैं, जिससे यह घटना उनके लिए शर्मिंदगी का कारण बनी।
- X यूजर्स ने लिखा: “शिंदे की चुप्पी और फडणवीस की सख्ती से साफ है कि महायुति में सब ठीक नहीं।”
- कुछ ने इसे 2022 की एक घटना से जोड़ा, जब शिंदे ने फडणवीस की गुप्त बैठकों का खुलासा किया था, जिससे फडणवीस “शर्मिंदा” हुए थे।
- महायुति में तनाव:
- शिंदे और फडणवीस के बीच पहले से तनाव की खबरें थीं, जैसे शिंदे की नाराजगी और मंत्रालय बंटवारे पर मतभेद।
- इस घटना ने शिंदे गुट की छवि को नुकसान पहुंचाया, खासकर जब फडणवीस ने इसे विधायकों की गरिमा पर हमला बताया।
क्या शिंदे की चुप्पी उनकी कमजोर स्थिति को दर्शाती है, या वह कार्रवाई की तैयारी में हैं?
संजय गायकवाड़: बयान और विवाद (Sanjay Gaikwad’s Stance)
- गायकवाड़ का पक्ष:
- विधायक ने कहा: “खाने में छिपकली, चूहा, और रस्सी मिलती है। मैंने कई बार शिकायत की, लेकिन कोई सुधार नहीं। सड़ा हुआ खाना जानलेवा हो सकता है।”
- उन्होंने दावा किया कि उनकी “लोकतांत्रिक भाषा” नहीं सुनी गई, इसलिए “अपनी स्टाइल” अपनानी पड़ी।
- विपक्ष और जनता की प्रतिक्रिया:
- NCP और कांग्रेस ने इसे “शिंदे गुट की गुंडई” कहा, कार्रवाई की मांग की।
- X पर जनता ने गायकवाड़ को “अहंकारी” और “हिंसक” बताया, कहा: “जनप्रतिनिधि से ऐसी उम्मीद नहीं।”
क्या गायकवाड़ का यह रवैया उनकी राजनीतिक छवि को खत्म कर देगा?
क्या होगा आगे?
इस थप्पड़ कांड ने महाराष्ट्र की राजनीति में नया तूफान खड़ा कर दिया है।
- संभावित कार्रवाई:
- फडणवीस ने स्पीकर से गायकवाड़ के खिलाफ संज्ञान लेने को कहा, जिसका मतलब विधायी अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकता है।
- पुलिस ने अभी तक कोई FIR दर्ज नहीं की, लेकिन कर्मचारी की शिकायत पर जांच शुरू हो सकती है।
- महायुति पर प्रभाव:
- यह घटना शिंदे गुट और BJP के बीच तनाव को और बढ़ा सकती है, खासकर जब शिंदे पहले ही मंत्रालय और सुरक्षा कटौती पर नाराज थे।
- X पर यूजर्स ने लिखा: “फडणवीस की सख्ती शिंदे को किनारे करने की रणनीति है।”
- सामाजिक प्रभाव:
- यह घटना जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही और व्यवहार पर बहस छेड़ सकती है।
- मराठी भाषा विवाद से जोड़ने की कोशिशों को फडणवीस ने खारिज किया, लेकिन विपक्ष इसे भुनाने की कोशिश कर सकता है।
क्या यह थप्पड़ कांड शिंदे गुट की छवि को और धूमिल करेगा, या फडणवीस की सख्ती महायुति को मजबूत बनाएगी? नजरें 10 जुलाई 2025 को स्पीकर की कार्रवाई और शिंदे की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं। क्या आप इस राजनीतिक ड्रामे का हिस्सा बनेंगे?