📍 वाराणसी, 9 जून (हि.स.) — सुभाष भवन, लमही
छत्रपति शिवाजी महाराज के राजनीतिक आदर्शों पर आधारित संगोष्ठी में बोलते हुए महाराष्ट्र जालना आर्ट्स साइंस कॉलेज के प्रिंसिपल एवं विख्यात इतिहासकार प्रो. जाकिर पठान ने कहा कि “शिवाजी महाराज केवल युद्ध विजेता नहीं, बल्कि सम्मान और स्वाभिमान के प्रतीक हैं। वे आज भी करोड़ों लोगों के दिलों में बसते हैं।”
🗣️ मुख्य बिंदु:
🔸 शिवाजी की राजनीति समभाव आधारित — प्रो. पठान ने बताया कि शिवाजी महाराज का राजनीतिक दृष्टिकोण समता और सभी धर्मों के सम्मान पर आधारित था।
🔸 “शिवाजी महाराज संपूर्ण मानवता के प्रेरणा स्रोत हैं” — उन्होंने बताया कि एडोल्फ हिटलर तक ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस से शिवाजी का ज़िक्र किया था।
🌍 “शिवाजी केवल महाराष्ट्र के नहीं, संपूर्ण विश्व के नायक”: प्रो. पी.डी. जगताप
गोष्ठी के विशिष्ट अतिथि प्रो. पी.डी. जगताप ने कहा कि शिवाजी महाराज मराठों, महाराष्ट्र या भारत तक सीमित नहीं हैं। वे संपूर्ण विश्व में राष्ट्रभक्ति और स्वाभिमान के प्रतीक हैं।
🇮🇳 शिवाजी – स्वतंत्रता संग्राम के प्रेरणास्त्रोत
प्रो. बिन्दा परांजपे ने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान बाल गंगाधर तिलक और वीर सावरकर जैसे सेनानियों के लिए शिवाजी प्रेरणास्त्रोत रहे।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस रिसर्च सेंटर की निदेशक आभा भारतवंशी ने बताया कि शिवाजी ने हिन्दवी स्वराज्य की स्थापना कर मुगलों को चुनौती दी थी।
🙏 आयोजन की झलकियाँ:
🔹 भारत माता की प्रार्थना से हुआ कार्यक्रम का शुभारंभ
🔹 बाल आज़ाद हिंद बटालियन द्वारा अतिथियों को सलामी
🔹 डॉ. राजीव द्वारा स्वागत भाषण
🔹 कार्यक्रम में देशभर से विभिन्न शिक्षाविद, बुद्धिजीवी और छात्र उपस्थित रहे
उल्लेखनीय प्रतिभागी:
डॉ. कवीन्द्र नारायण, डॉ. अर्चना भारतवंशी, डॉ. नजमा परवीन, नाजनीन अंसारी, ज्ञान प्रकाश, अनिल पाण्डेय, नौशाद अहमद, अजीत सिंह टीका, डॉ. मुकेश श्रीवास्तव, गोविंद श्रीवास्तव इत्यादि।
📜 यह संगोष्ठी “विशाल भारत संस्थान” और “काशी हिंदू विश्वविद्यालय – सामाजिक विज्ञान संकाय” के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुई।