कोलकाता, 13 दिसंबर (हि.स.)।
पश्चिम बंगाल में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के गणना चरण के पूरा होने के बाद सामने आए आंकड़ों ने राज्य की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है। आंकड़ों के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के दिग्गज नेताओं द्वारा प्रतिनिधित्व किए जा रहे विधानसभा क्षेत्रों में हटाए जा सकने वाले मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक पाई गई है, जबकि बीजेपी शासित क्षेत्रों में यह आंकड़ा अपेक्षाकृत कम है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विधानसभा क्षेत्र भवानीपुर में 44,787 मतदाता नाम हटाने योग्य चिन्हित किए गए हैं। वहीं, राज्य के शहरी विकास मंत्री और कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम के क्षेत्र कोलकाता पोर्ट में यह संख्या 63,730 तक पहुंच गई है।
दक्षिण 24 परगना के बेहाला पश्चिम विधानसभा क्षेत्र, जहां से पूर्व शिक्षा मंत्री और टीएमसी महासचिव पार्थ चटर्जी विधायक हैं, वहां 52,247 मतदाता नाम हटाने योग्य बताए गए हैं।
इसके अलावा,
- टॉलीगंज (अरूप विश्वास) – 35,309
- दमदम उत्तर (चंद्रिमा भट्टाचार्य) – 33,912
- दमदम (ब्रात्य बसु) – 33,862
मतदाता नामों को हटाने योग्य श्रेणी में रखा गया है।
इसके उलट, बीजेपी के गढ़ माने जाने वाले क्षेत्रों में यह संख्या काफी कम रही। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के क्षेत्र नंदीग्राम में केवल 10,599 मतदाता नाम हटाने योग्य पाए गए हैं। उल्लेखनीय है कि 2021 में शुभेंदु अधिकारी ने इसी सीट से ममता बनर्जी को बेहद करीबी मुकाबले में हराया था।
उत्तर बंगाल में भी यही रुझान देखने को मिला।
- सिलीगुड़ी (शंकर घोष) – 31,181
- बालुरघाट (अशोक कुमार लाहिड़ी) – 11,219
इन आंकड़ों को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज होने की संभावना है। विपक्ष इसे टीएमसी के गढ़ों में अनियमितता से जोड़ रहा है, जबकि सत्तारूढ़ दल इसे सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया करार दे रहा है।




