सीयूराज में राष्ट्रीय कर्मयोगी सेवा-भाव प्रशिक्षण का समापन
अजमेर, 3 सितंबर (हि.स.)। राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय राष्ट्रीय कर्मयोगी सेवा-भाव प्रशिक्षण का दूसरा चरण सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। यह कार्यक्रम मिशन कर्मयोगी के अंतर्गत क्षमता निर्माण आयोग (सीबीसी) की पहल है, जिसका उद्देश्य नागरिक-केंद्रित शासन और सार्वजनिक सेवा की गुणवत्ता को सुदृढ़ करना है।
प्रशिक्षण और प्रतिभागी
इस प्रशिक्षण में राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय सहित महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय (वर्धा), आईयूसीएए (पुणे), इनफ्लिबनेट (गांधीनगर), यूजीसी-डीएई-सीएसआर (इंदौर), गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय (अमरकंटक) के 14 संकाय सदस्यों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया गया।
प्रमुख प्रशिक्षकों के संदेश
प्रशिक्षण का नेतृत्व यूजीसी, नई दिल्ली की संयुक्त सचिव डॉ. दीक्षा राजपूत और संयुक्त सचिव कर्नल विपिन कौशल ने किया। डॉ. राजपूत ने नियम-आधारित से भूमिका-आधारित प्रशासन की ओर ध्यान देने और उद्देश्य-संचालित शासन की आवश्यकता पर जोर दिया। कर्नल कौशल ने सिविल सेवकों के कार्यों को राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों से जोड़ने और सेवा-भाव बढ़ाने पर बल दिया।
प्रशिक्षण का महत्व
प्रशिक्षित संकाय सदस्य अब अपने संस्थानों में कार्यशालाओं का आयोजन करेंगे ताकि नागरिक-प्रथम सेवा भावना एमएसडीई पारिस्थितिकी तंत्र के प्रत्येक कर्मचारी तक पहुँच सके। कुलपति प्रो. आनंद भालेराव ने कहा कि यह पहल सार्वजनिक सेवा वितरण में सुधार और विकसित भारत@2047 के लक्ष्य के अनुरूप मूल्य-आधारित कार्यबल निर्माण में सहायक होगी।
समापन और समन्वय
प्रभारी रजिस्ट्रार प्रदीप अग्रवाल और मिशन कर्मयोगी भारत-आईगॉट के एमडीओ डॉ. नरेंद्र कुमार ने कार्यक्रम को सफल बनाने वाले प्रशिक्षकों और समन्वयकों का धन्यवाद ज्ञापित किया।