📍 पुरुलिया, 10 जून (हि.स.)
जेआईसीए परियोजना (जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी) के अंतर्गत पुरुलिया जिले में शुद्ध पेयजल आपूर्ति की बहुप्रतीक्षित योजना अब और छह महीने देरी से पूरी होगी। शुरू में जहां मार्च 2024 तक ट्रायल रन की बात की गई थी, अब अधिकारियों का कहना है कि नवंबर 2024 तक काम पूरा होने की संभावना है।
🔹 अब तक की प्रगति और अड़चनें:
- काम में 17-18 महीने की देरी हो चुकी है।
- भूमि विवाद, डिज़ाइन में बदलाव और पाइलिंग में तकनीकी बाधाओं के कारण प्रगति धीमी रही।
- मुकुटमणिपुर जलाशय से पानी खींचने का काम अभी भी अधूरा है।
“काम युद्धस्तर पर जारी है, नवंबर तक पूरा कर लेंगे”
– सनत अधिकारी, जिला अभियंता, लोक स्वास्थ्य तकनीकी विभाग
🔸 परियोजना का उद्देश्य और लाभार्थी:
- 1296 करोड़ रुपये की लागत से 2019 में स्वीकृत यह परियोजना, 2013-14 में शुरू की गई थी।
- पानी मुकुटमणिपुर जलाशय से खींचकर फिल्टर किया जाएगा और जिले के 5 ब्लॉकों तक पहुँचाया जाएगा:
- मानबाजार-1
- पुंचा
- बड़ाबाजार
- पुरुलिया-1 (आंशिक)
- अर्शा (पूरी तरह)
- 92,027 परिवारों को पाइप से जल आपूर्ति का लक्ष्य।
- 42 ओवरहेड टैंक बनाए गए हैं।
- पुरुलिया नगरपालिका को रोज़ाना 12.92 मिलियन लीटर पानी उपलब्ध कराया जाएगा।
⚠️ तकनीकी और भौगोलिक समस्याएं:
- पाइलिंग के दौरान चट्टानों और पानी घुसने से निर्माण में रुकावट आई।
- अतिक्रमण की वजह से भूमि अधिग्रहण में देरी हुई।
- इंजीनियरों ने बताया कि पाइपलाइन का कार्य लगभग पूरा हो चुका है, अब केवल जलाशय से पानी जोड़ने का कार्य शेष है।
🔍 राजनीतिक प्रतिक्रिया और चिंताएं:
- मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्वयं परियोजना की धीमी गति पर नाराज़गी जाहिर की थी।
- राजनीतिक विश्लेषकों का सवाल – बाक़ी 15 ब्लॉकों में जल संकट का क्या समाधान होगा?
यदि यह परियोजना सफल होती है, तो भी जिले के बड़े हिस्से को कोई राहत नहीं मिलेगी।